Sunday, November 24, 2024
Homeराजनीतिकोई भी राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय दबाव, इस चौकीदार को डिगा और डरा नहीं पाएगा:...

कोई भी राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय दबाव, इस चौकीदार को डिगा और डरा नहीं पाएगा: PM Modi

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा विजन नए भारत का है। ऐसे भारत का जो अपने गौरवशाली अतीत के अनुरूप ही वैभवशाली होगा। एक ऐसा नया भारत जिसकी नई पहचान होगी, जहाँ सुरक्षा, समृद्धि और सम्मान के संस्कार होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार (मार्च 27, 2019) से लोकसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार अभियान की शुरुआत कर दी। लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री मोदी की पहली सभा है। मेरठ के बाद पीएम मोदी उत्तराखंड के रुद्रपुर और जम्मू-कश्मीर के अखनूर के पास जनसभाओं को संबोधित करेंगे। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी पीएम मोदी ने मेरठ से ही चुनाव प्रचार का आगाज किया था। उनके भाषण के महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • भारत, मन बना चुका है, भारत के 130 करोड़ लोग मन बना चुके हैं। देश में फिर एक बार मोदी सरकार बनने जा रही है। पाँच वर्ष पहले जब मैंने आप सभी से आशीर्वाद माँगा था तो, आपने भरपूर प्यार दिया था। मैंने आपसे कहा था कि आपके प्यार को, आपके आशीर्वाद को मैं ब्याज सहित लौटाऊँगा। और ये भी कहा था कि जो काम किया है, उसका हिसाब भी दूँगा।
  • और हाँ, मैंने यह भी कहा था कि अपना हिसाब दूँगा और साथ-साथ दूसरों का हिसाब भी लूँगा। ये दोनों काम साथ-साथ चलेंगे। तभी तो होगा हिसाब बराबर। चौकीदार हूँ भई, और चौकीदार कोई नाइंसाफी नहीं करता। हिसाब होगा, सबका होगा, बारी बारी से होगा।
  • आज एक तरफ विकास का ठोस आधार है, दूसरी तरफ ना नीति है, ना विचार है और ना ही नीयत है। एक तरफ फैसले लेने वाली सरकार है, दूसरी तरफ दशकों तक फैसले टालने वाला इतिहास है। एक तरफ नए भारत के संस्कार हैं और दूसरी तरफ वंशवाद और भ्रष्टाचार का विस्तार है। एक तरफ दमदार चौकीदार है और दूसरी तरफ दागदारों की भरमार है।
  • हमारा विजन नए भारत का है। ऐसे भारत का जो अपने गौरवशाली अतीत के अनुरूप ही वैभवशाली होगा। एक ऐसा नया भारत जिसकी नई पहचान होगी, जहाँ सुरक्षा, समृद्धि और सम्मान के संस्कार होंगे।
  • सुरक्षा देश के दुश्मनों से, सुरक्षा आतंकवाद से, सुरक्षा गुंडागर्दी से, सुरक्षा भ्रष्टाचारियों से, सुरक्षा बीमारी से। समृद्धि साधनों और संसाधनों की, समृद्धि ज्ञान और विज्ञान की, समृद्धि संस्कृति और विचार की, समृद्धि हमारे आचार और व्यवहार की।
  • सम्मान श्रम का, सम्मान काम का, सम्मान बेटियों का, सम्मान हर वर्ग का, सम्मान देश के मान का अभिमान का। इस देश ने सिर्फ नारे लगाने वाली सरकारें बहुत देखीं हैं, लेकिन पहली बार ऐसी निर्णायक सरकार भी देख रहा है, जो अपने संकल्प को सिद्ध करना जानती है। जमीन हो, आसमान हो, या फिर अंतरिक्ष, सर्जिकल स्ट्राइक का साहस आपके इसी चौकीदार की सरकार ने दिखाया।
  • 4 दशक से हमारे सैनिक वन रैंक वन पेंशन मांग रहे थे, उसको पूरा करने का काम भी इसी चौकीदार ने किया। देश के क़रीब 12 करोड़ किसान परिवारों को 75 हज़ार करोड़ रुपए की सीधी वार्षिक मदद का काम भी हमने किया है।
  • देश के लगभग 50 करोड़ ग़रीब परिवारों को हर वर्ष 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था भी हमने की है। देश के 34 करोड़ गरीबों के लिए जनधन योजना के तहत बैंक खाते भी हमारी ही सरकार ने खुलवाए हैं। जो लोग 70 सालों में देश की जनता का बैंक खाता नहीं खुलवा पाए वो आज देश की जनता के खाते में पैसा डालने की बात करते हैं।
  • देश की 7 करोड़ से अधिक ग़रीब बहनों को मुफ्त गैस सिलेंडर देकर धुएँ से मुक्ति देने का काम भी हमने किया है। देश भर में 10 करोड़ ग़रीब परिवारों के घर शौचालय देकर, बहनों को सम्मान का जीवन देने का सौभाग्य भी हमें ही मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी की मेरठ जनसभा में उमड़ी भीड़
  • डेढ़ करोड़ से अधिक ग़रीब बेघर परिवारों को अपना पक्का घर भी हमारी सरकार ने ही दिया है। देश के ढाई करोड़ से अधिक ग़रीब परिवारों तक पहली बार बिजली कनेक्शन देने का काम भी हमने ही किया है।
  • 15 करोड़ से अधिक बिना गारंटी के ऋण देकर युवा साथियों को स्वरोज़गार से जोड़ने का काम पहली बार राजग ने ही किया है। सामान्य वर्ग के ग़रीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐतिहासिक फैसला भी हमने ही लिया है।
  • समाज का ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है और देश का ऐसा कोई कोना नहीं है, जो विकास के हमारे इन कामों से छूटा हो। सबका साथ, सबका विकास की हमारी यही सोच है, जिसपर नए भारत का निर्माण हो रहा है।
  • इन महामिलावटी लोगों की सरकार जब दिल्ली में थी तब देश में आए दिन बम धमाके होते थे या नहीं? ये महामिलावटी आतंकियों को संरक्षण देते थे या नहीं? ये आतंकियों की भी जात और उनकी पहचान देखते थे या नहीं? उसके आधार पर तय करते थे कि आतंकी को बचाना है या सज़ा देनी है।
  • यहाँ मेरठ में जो विरोधी दलों के उम्मीदवार हैं उन्होंने आतंकवादियों के लिए करोड़ों रुपए के ईनाम तक का ऐलान कर दिया था। सोचिए, महामिलावट के लिए ये लोग किस हद तक जा सकते है। ये महामिलावटी लोग भ्रष्टाचारियों के साथ हैं या नहीं? महामिलावटियों के राज में बेटियों को इंसाफ मिलता था क्या? इनकी सरकार में गुंडे और बदमाश बेलगाम थे या नहीं? क्या ऐसी महामिलावट के हाथ में देश सुरक्षित रहेगा?
  • आज स्थिति ये है कि कुछ दिन पहले तक जो लोग इस चौकीदार को चुनौती देते फिरते थे, वो अब रोते फिर रहे हैं। मोदी ने ये क्यों किया, मोदी ने वो क्यों किया? पाकिस्तान में आतंकियों को घुसकर क्यों मारा? आतंकतियों के अड्डे को नष्ट क्यों किया? ये लोग रो रहे हैं।
  • देश को हिन्दुस्तान के हीरो चाहिए या पाकिस्तान के? देश को सबूत चाहिए या सपूत चाहिए? मेरे देश के सपूत यही मेरे देश के सबसे बड़े सबूत हैं। जो सबूत माँगते हैं वो सपूत को ललकारते हैं। आप आश्वस्त रहिए। मैं देश के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार रहने वाला व्यक्ति हूँ। कोई भी राजनीतिक दबाव, कोई भी अंतरराष्ट्रीय दबाव, आपके इस चौकीदार को डिगा नहीं पाएगा और न ही कोई इस चौकीदार को डरा पाएगा।
  • हमारे जवान बुलेटप्रूफ जैकेट मांग रहे थे, उनकी सरकार इस फैसले को भी टालती रही। आतंकी हमलों में, नक्सली हमलों में हमारे जवान शहीद होते रहे, उनकी सरकार फैसले को टालती रही।
  • हमारे वैज्ञानिक अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मार गिराने के परीक्षण की मांग कर रहे थे, उनकी सरकार ने ये फैसला भी टाल दिया था। 21वीं सदी के भारत को मजबूत बनाने के लिए, देश की सुरक्षा के लिए ये फैसला बहुत पहले ले लिया जाना चाहिए था। लेकिन ये फैसला भी टाला जाता रहा
  • मत भूलिए, ये वही लोग हैं जो तीन तलाक़ के ख़िलाफ़ क़ानून का विरोध करते हैं। जो कहते हैं कि तीन तलाक़ की वजह से महिलाओं की हत्या नहीं होती, कम से कम वो बच तो जाती है। सोचिए, किस तरह की सोच है इन लोगों की।
  • जब मैं 8-10 साल का था, तब सुना करता था कि सरकार ग़रीबी हटाने के बारे में बात कर रही है। जब 20-22 साल का हुआ तो इंदिरा गाँधी का नारा सुना था, ग़रीबी हटाओ। इसके बाद की पीढ़ियों में भी कांग्रेस के नामदार ग़रीबी हटाओ की बात करते रहे, लेकिन ग़रीबी हटी नहीं।
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भारत ने 1 दिन में गिने 64 करोड़ वोट, डोनाल्ड ट्रंप जीत गए पर 18 दिन में भी 1.5 करोड़ वोट गिन नहीं पाया...

मस्क ने हैरानी जताई और कहा कि भारत में 64 करोड़ मतों की गिनती एक दिन में, और यहाँ कैलिफोर्निया में 1.5 करोड़ वोटों की गिनती 18 दिन में भी पूरी नहीं हो पाई।

जामा मस्जिद का सर्वे करने आई टीम, घेराबंदी कर मुस्लिम भीड़ ने की पत्थरबाजी: लाठी-आँसू गैस के गोलों से पुलिस ने संभल में हालात...

रविवार को संभल की जामा मस्जिद का दोबारा से सर्वे हुआ। जैसे ही सर्वे करने के लिए टीम पहुँची इस्लामी कट्टरपंथियों ने घेराबंदी कर पत्थरबाजी शुरू कर दी।
- विज्ञापन -