‘पत्रकार’ बरखा दत्त ने कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के ख़िलाफ़ दर्ज कराए गए शिकायत को पटियाला हाउस कोर्ट से विशेष पीएमएलए कोर्ट में में ट्रांसफर करने की अपील की थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस बाबत ‘पत्रकार’ बरखा दत्त को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी की एकल खंडपीठ द्वारा जारी किया गया है। अदालत में बरखा दत्त की तरफ से कोई भी पेश नहीं हुआ था। मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होनी है।
बरखा दत्त ने पिछले साल कपिल सिब्बल, उनकी पत्नी प्रोमिला सिब्बल और उनकी टीवी नेटवर्क कंपनी एनॉलॉग मीडिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 120 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। पत्रकार बरखा दत्त ने तिरंगा टीवी के प्रमोटर्स कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और उनकी पत्नी प्रोमिला सिब्बल पर बिना किसी पूर्व सूचना के तिरंगा टीवी पर काम करने वाले पत्रकारों को निकाल देने का आरोप लगाया था।
बरखा दत्त ने अपने पिछले चैनल के प्रमोटर और कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल और उनकी पत्नी प्रमिला सिब्बल से ₹74 लाख सूद समेत लेने के लिए अदालत में मुकदमा दायर किया था। बरखा के आरोपों में इसके अतिरिक्त खुद को और चैनल के अन्य वरिष्ठ कर्मचारियों को एक साल से अधिक समय से वेतन न दिए जाने का भी आरोप था। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि बिना कर्मचारियों को वेतन दिए सिब्बल दम्पति का लंदन में ऐश करना विजय माल्या जैसा कृत्य है। इसके लिए उन्होंने खुद को सिब्बल द्वारा मानहानि के मुकदमे से धमकाए जाने की बात भी ट्विटर पर कही थी।
चैनल पिछले साल जुलाई में बंद हो गया था। दत्त ने प्रोमिला सिब्बल पर चैनल की महिला पत्रकारों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था, जिसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में शिकायत दर्ज कराई थी। बरखा दत्त ने आरोप लगाया था कि कपिल सिब्बल की पत्नी महिला कर्मचारियों को “कुतिया” या “बिच” बुलाती थीं। साथ ही इतनी घिनौनी बात को साबित करने के लिए यह भी कहा था कि इस संबंध में उनके पास हस्ताक्षर किए हुए हलफनामे भी हैं।
गौरतलब है कि बरखा दत्त ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को निशाना बनाते हुए लिखा था कि वे और उनकी पत्नी द्वारा चलाए जा रहे तिरंगा टीवी में भयावह स्थिति है। उन्होंने बताया था कि चैनल द्वारा 200 से ज्यादा कर्मचारियों को बिना 6 महीने की सैलरी दिए निकाल दिया गया है। उनका कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल को लेकर कहना था कि एक व्यक्ति जो जनता के बीच में खुद को बिलकुल साफ़ दिखाता है, वो पत्रकारों के साथ घिनौना बर्ताव कर रहा है।
हालाँकि, उनके आरोपों के जवाब में सिब्बल ने दावा किया था कि बरखा दत्त को चैनल बंद होने से पहले ही बर्खास्त किया जा चुका था। इसके पीछे उन्होंने कारण अनुशासनहीनता बताया था। इसके अलावा उन्होंने दत्त को एक भी पैसा देने से साफ़ इनकार कर दिया था।