Sunday, November 24, 2024
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कश्मीर उच्च न्यायालय के वकील बाबर कादरी को आतंकियों ने गोली से भूना: दो दिन पहले ही जताई थी हत्या की आशंका

“मैं राज्य पुलिस प्रशासन से इस शाह नजीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आग्रह करता हूँ, जिन्होंने मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया है कि मैं एजेंसियों के लिए काम करता हूँ। यह झूठा बयान मेरे जीवन के लिए खतरा बन सकता है।"

जम्मू कश्मीर में आतंकी लगातार आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। गुरूवार को आतंकवादियों ने श्रीनगर में कश्मीर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता बाबर कादरी की गोली मार कर हत्या कर दी। खबरों के मुताबिक, वकील कादरी श्रीनगर के हवाल इलाके में थे, जब आतंकियों ने पॉइंट ब्लैंक रेंज से उनपर गोलियों की बौछार कर दी। जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई।

घटना के बाद उन्हें फ़ौरन शेर-आई-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया गया था। स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस ने चिकित्सा अधीक्षक डॉ. फारूक जान के हवाले से कहा कि बाबर कादरी को गोली लगी थी और अस्पताल में जब उन्हें लेकर आए थे तभी उनकी मौत हो चुकी थी।

बता दें, एक वकील होने के अलावा बाबर कादरी एक लेखक और एक टीवी पैनलिस्ट भी थे, जो नियमित रूप से टीवी समाचार चैनलों पर चर्चा में दिखाई देते थे।

उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले कादरी ने आशंका व्यक्त की थी कि एजेंसियों के साथ काम करने का आरोप लगने के बाद उनकी जान को खतरा हो सकता है। उन्होंने 2 दिन पहले एक मैसेज का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया था जहाँ शाह नजीर नामक एक व्यक्ति ने कहा था कि उन्हें एजेंसियों द्वारा प्रोजेक्ट किया जा रहा है, और इसीलिए उन्हें टीवी डिबेट में आने का चांस दिया गया था। बाबर कादरी ने संदेश का जवाब देते हुए कहा था कि वह एफआईआर दर्ज करने के लिए मैसेज का स्क्रीनशॉट साइबर सेल को भेजेंगे।

ट्विटर पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा था, “मैं राज्य पुलिस प्रशासन से इस शाह नजीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आग्रह करता हूँ, जिन्होंने मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया है कि मैं एजेंसियों के लिए काम करता हूँ। यह झूठा बयान मेरे जीवन के लिए खतरा बन सकता है।”

गौरतलब है कि कुछ साल पहले बाबर कादरी को कश्मीर बार एसोसिएशन ने निलंबित कर दिया था। वह वकीलों के क्लब ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष थे। इस महीने की शुरुआत में बार एसोसिएशन ने निलंबन हटाने के उनके आवेदन को खारिज कर दिया था। विकास पर टिप्पणी करते हुए क़ादरी ने कहा था, “जब मैंने ‘वकील क्लब’ का गठन किया, तो मुझ पर भारतीय एजेंसियों की इशारों पर नाचने का आरोप लगाया गया था और अब जब मैं एकता के लिए काम करता हूँ और उनसे जुड़ना चाहता हूँ तो मेरे लिए रास्ते को ब्लॉक कर दिया गया है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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