छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में 12वीं पास युवक द्वारा चलाए जा रहे फर्जी नर्सिंग होम का पर्दाफाश हुआ है। फर्जी डॉक्टर बन निहार मलिक नर्सिंग होम चला रहा था। बलरामपुर जिले के वाड्रफ नगर विकास खंड के बरतीकला गाँव से आने वाले मरीजों का इलाज भी करता था।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार मामले में खुलासा तब हुआ जब छत्तीसगढ़ में लागू नर्सिंग होम एक्ट के सफल संचालन और तय मानकों के अनुरूप सुविधाएँ उपलब्ध कराने की मंशा से टीम बलरामपुर इलाके में पहुँची। बता दें इन दिनों बलरामपुर में जाँच अभियान चलाया जा रहा है। खबरों के अनुसार, एसडीएम विशाल महाराणा के नेतृत्व में स्वास्थ्य और राजस्व विभाग की एक टीम ने कई शिकायतें मिलने के बाद बरतीकला में दीप मेडिकल स्टोर पर छापा मारा।
जब टीम के सदस्य वहाँ पहुँचे तो उन्होंने संचालक निहार से दवा दुकान संचालन को लेकर दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया, जिस पर वह हड़बड़ा गया। उसके पास फार्मासिस्ट का लाइसेंस नहीं था। अधिकारियों के कहने पर फर्जी डॉक्टर ने दस्तावेज के नाम पर खुद का 12वीं का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें गलत तरीके से डॉक्टर भी लिखा हुआ था।
इसके बाद एसडीएम विशाल महाराणा, नायब तहसीलदार विनीत सिंह और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम मेडिकल स्टोर के पीछे एक चार बेड वाला नर्सिंग होम देख अवाक रह गई। मलिक के फर्जी नर्सिंग होम में उस वक्त बुखार से पीड़ित एक महिला भी भर्ती थी, जिसका वह इलाज कर रहा था।
वहीं जब महिला मरीज के बारे में टीम ने मलिक से पूछताछ की तो पता चला कि महिला को केवल बुखार था, लेकिन टाइफाइड के लिए उसका इलाज किया जा रहा था। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, क्लीनिक में कई ऐसी दवाइयाँ भी मौजूद थी, जिन्हें विशेषज्ञ डॉक्टर भी इस्तेमाल करने से बचते हैं। यह जानकारी भी सामने आई है कि इलाज के लिए हाई एंटीबायोटिक सहित अन्य साइड इफेक्ट वाली दवाओं का भी उपयोग किया जा रहा था।
गौरतलब है कि नियमों का उल्लंघन करने पर मेडिकल स्टोर और क्लीनिक को सील कर दिया गया है। मलिक को अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों पेश करने का मौका दिया गया है। एसडीएम विशाल महाराणा ने बताया कि टीम उचित कार्रवाई करने से पहले अधिकारियों और विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श कर रही है।