भारत ने एक काफी महत्त्वपूर्ण सुरक्षा सौदे पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके अंतर्गत 6 उन्नत पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा, जो हाई तकनीक और आधुनिक हथियारों से लैस होगा। इन पनडुब्बियों के निर्माण पर तकरीबन ₹50,000 करोड़ की लागत आएगी।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने करीब ₹50,000 करोड़ की लागत से महत्वाकांक्षी ‘रणनीतिक साझेदारी’ मॉडल के तहत 6 एडवांस पनडुब्बियों के हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन पनडुब्बियों का निर्माण पी-75 (1) प्रोजेक्ट के तहत भारतीय रक्षा निर्माण कंपनी और विदेशी पनडुब्बी निर्माता द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। इनमें एंटी-शिप क्रूज मिसाइलें और अन्य विध्वंसक हथियार भी लगाए जाएँगे।
Navy kicks off Rs 50,000 cr lethal submarine project, wants 500 km strike range cruise missiles on them
— ANI Digital (@ani_digital) 4 April 2019
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जानकारी के मुताबिक, प्रमुख पनडुब्बी निर्माताओं को 4 हफ्ते में ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट’ (ईओआई) जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने भारतीय और विदेशी कंपनी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस विशाल परियोजना के क्रियान्वयन के लिए जनवरी में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने घरेलू साझेदार की पहचान की प्रक्रिया के तहत, अडाणी डिफेंस, लार्सन एंड टर्बो और सरकारी मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड समेत चुनी गई बड़ी भारतीय रक्षा कंपनियों के साथ विचार विमर्श पहले ही शुरू कर दिया है।
भारतीय नौसेना ने विदेशी और उनके भारतीय साझेदारों से अपनी पनडुब्बियों के बारे में पूरी जानकारी भेजने का आग्रह किया गया है। दरअसल, नौसेना चाहती है कि 6 नई पनडुब्बियों पर 500 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली कम से कम 12 लैंड अटैक क्रूज मिसाइलों के अलावा एंटी शिप क्रूज मिसाइल तैनात करने की क्षमता हो। इसके साथ ही इनमें 18 भारी वजन वाले टारपीडो रखने की भी सुविधा देने का अनुरोध किया गया है। ये पनडुब्बियाँ मुंबई के मझगाँव शिपबिल्डर्स लिमिटेड के द्वारा बनाए जा रहे स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बियों से 50 फीसदी बड़ी होंगी। फिलहाल 2 स्कॉर्पियन श्रेणी पनडुब्बियों का निर्माण पूरा हो चुका है।