उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भ्रष्टाचारियों को चेताया है। CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में नौकरी हासिल करने के लिए गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुआ तो दोषियों को जेल में ही ठिकाना मिलेगा।
सीएम योगी ने शुक्रवार (अक्टूबर 23, 2020) को माध्यमिक शिक्षा विभाग में नए 3317 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र बाँटते हुए अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब सरकारी नौकरी पाने का एकमात्र तरीका मेरिट है। सभी विभागों में पूरी पारदर्शिता के साथ योग्य अभ्यर्थी को ही नौकरी मिलेगी।
सीएम योगी ने अपने वर्चुअल संबोधन में सबको को याद दिलाया कि साढ़े तीन साल पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की शोहरत किस वजह से थी लेकिन अब यह आयोग नियुक्तियों में अपनी पारदर्शिता के लिए जाना जाता है। अभ्यार्थियों के चयन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “लाखों अभ्यार्थियों में से आप लोगों का चयन इस बात का प्रमाण है।”
उन्होंने बताया कि मेरिट के आधार पर ही साढ़े तीन साल में करीब 3.50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है और इतनी ही नौकरी आने वाले समय में दी जाएगी।
योगी आदित्यनाथ ने चुने हुए शिक्षकों को तकनीकी रूप से अपडेट रहने की सलाह भी दी। उन्होंने शिक्षकों को कहा,
“खुद भी तकनीकी रूप से अपडेट रहें और बच्चों को भी अपडेट करें। तकनीक ही पारदर्शिता की कुंजी है। अगर तकनीक नहीं होती तो हम कोरोना वायरस महामारी की इस अभूतपूर्व संकट में जरूरतमंदों को पेंशन, भरण-पोषण भत्ता और किसान सम्मान निधि के रूप में एक क्लिक पर लाभ नहीं पहुँचा पाते।”
उन्होंने शिक्षकों को बताया कि आखिर कैसे तकनीक के कारण ही कोरोना संकट के समय में ऑनलाइन बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल सकी। सीएम ने युवाओं को पूंजी बताते हुए कहा कि जो जिस लायक हैं उसकी मेरिट का सम्मान करते हुए उसका स्थान दिया जा रहा है।