पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से इस्तीफा देने वाले शुभेंदु अधिकारी (29 जून, 2020) ने रविवार को पूर्वी मिदनापुर में सभा की। हालॉंकि उन्होंने अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोले हैं। इस सभा के जरिए उन्होंने अपनी ताकत की झलक दिखाने की कोशिश की। सत्ताधारी टीएमसी उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिशों में लगी है।
मंत्री पद से इस्तीफे के बाद शुभेंदु अधिकारी की यह पहली जनसभा थी। कयास लगाया जा रहा था कि इस सभा में वे अपने अगले राजनीतिक कदम की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर संस्पेंस बनाए रखा है।
West Bengal: Former TMC Minister Suvendu Adhikari addresses a memorial gathering in East Midnapore.
— ANI (@ANI) November 29, 2020
His supporters were seen raising slogans & carrying a large banner bearing his name around the venue pic.twitter.com/9AnqRpGIWx
पूर्वी मिदनापुर जिले के महिषादल में स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी रणजीत बयाल के स्मरण में ताम्रलिप्त जनकल्याण समिति की ओर से हुए इस आयोजन पर सभी की निगाहें टिकी हुई थी। सभा को संबोधित करते हुए टीएमसी नेता ने सबसे पहले दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को याद किया। इसके बाद उन्होंने देश को समर्पित स्वतंत्रता सेनानी रणजीत बयाल का जिक्र करते हुए उनके योगदान का उल्लेख किया।
अपनी राजनीतिक सेवा के बारे बताते हुए शुभेंदु ने यह भी कहा कि वे अपनी क्षमता के मुताबिक ताउम्र आम लोगों की सेवा करते रहेंगे। बता दें शुभेंदु अधिकारी ने परिवहन मंत्री पद से इस्तीफा दिया है, लेकिन उन्होंने अभी तक टीएमसी के एमएलए व प्राथमिकता सदस्यता पद से इस्तीफा नहीं दिया है। आज बागी टीएमसी नेता के रवैये को देखते हुए तृणमूल कॉन्ग्रेस पार्टी की तरफ से हल्दिया में जुलूस निकाला गया था।
इस बीच पूर्वी मिदनापुर में शिवसेना के झंडे भी देखे गए थे। इसे भी शुभेंदु अधिकारी के राजनीतिक भविष्य के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। अभी तक यह पूरी तरह से सस्पेंस बना हुआ है कि क्या शुभेंदु टीएमसी से पूरी तरह से नाता तोड़ लेंगे? क्या वह बीजेपी में शामिल होंगे? या किसी अन्य पार्टी में शामिल होंगे? या अपना अपनी नई पार्टी का गठन करेंगे?
उल्लेखनीय है कि मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा और कॉन्ग्रेस की स्थानीय यूनिट उन्हें अपने पाले में लेना चाहती है। भाजपा उनके गढ़ में पहले ही पैठ बना चुकी है। लेकिन, इन सबके बीच सबसे ज्यादा नुकसान TMC और ममता बनर्जी को होने वाला है। 35 विधानसभा सीटों पर प्रभाव रखने वाले अधिकारी ने अपने समर्थकों से एकजुट होने की अपील की है।
शुभेंदु अधिकारी ने अपने समर्थकों से कहा है कि वो सड़क पर उतरने के लिए गोलबंद हो जाएँ। उन्होंने अपने समर्थक विधायकों को भी जनता के बीच उतरने को कहा था। उन्होंने शनिवार (नवंबर 28, 2020) को अपने समर्थक TMC नेताओं को अपनी रणनीति समझाई। एक TMC नेता ने कहा कि पूरा अधिकारी समर्थक कैडर सड़क पर उतरने को तैयार है और अभी से चुनावी मोड में आ गया है। उन्हें इंतजार है तो सिर्फ अपने नेता की हरी झंडी का।
समर्थकों ने बताया कि इसके लिए पिछले 6 महीने से तैयारियाँ चल रही थीं। समर्थकों का कहना है कि वो 6 जिलों में पूरी तरह गोलबंद हैं और एक अलग संगठन के जरिए प्रचार मोड में हैं। ये सब तब हो रहा है, जब TMC सारे विकल्प खुले होने की बात करते हुए अभी भी अधिकारी को मनाने की कोशिश कर रहा है। पार्टी ने इसके लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सौगत रॉय को लगाया है, क्योंकि प्रशांत किशोर भी यहाँ फेल हो गए हैं।