JNU की छात्र नेता रहीं शेहला रशीद पर उनके अब्बा अब्दुल रशीद शोरा ने आतंकियों जहूर वटाली और रशीद इंजीनियर से 3 करोड़ रुपए लेने के आरोप लगाए हैं। इसी क्रम में ‘ABP न्यूज़’ पर शेहला रशीद सफाई देने फोन लाइन पर आईं, लेकिन कठिन सवालों का जवाब देने के बजाए फोन रख कर भाग खड़ी हुईं। उन्होंने अपने अब्बू शोरा को लालची भी करार दिया। पत्रकार विकास भदोरिया के इंटरव्यू में ये सब हुआ।
शेहला रशीद के अब्बा ने कहा कि उनके लिखे पत्र में 2017 के बाद शहेला रशीद ने जो किया, उसका कच्चा चिट्ठा है। उन्होंने कहा कि शेहला रशीद के जम्मू कश्मीर की राजनीति में आने के निर्णय के बाद दिक्कतें शुरू हुईं, क्योंकि उन्होंने अचानक से अपनी राजनीति में यू-टर्न ले लिया। उन्होंने बताया कि इसकी पूरी साजिश अमेरिका में रची गई थी और उन्हें चुप कराने के लिए उनके ऊपर घरेलू हिंसा का केस कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले ये पता लगाना ज़रूरी है कि शेहला रशीद अवैध गतिविधियों में कहाँ तक लिप्त हैं। इसके बाद शो में शेहला रशीद भी जुड़ीं और उनसे आरोपों को लेकर जवाब माँगा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उनके ऊपर कोई आरोप नहीं है बल्कि उनके अब्बा के ऊपर घरेलू हिंसा का आरोप है और उनके खिलाफ वारंट भी जारी हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार के साथ हिंसा और गाली-गलौज के कारण अब्दुल रशीद शोरा को मोहल्ले वालों ने घर से निकाल दिया था।
शेहला रशीद ने पत्रकार से कहा कि वो उनके अब्बा से पूछें कि वो अपनी बीवी को क्यों पीटते थे और घर से क्यों निकाल देते थे? शेहला रशीद ने अपने अब्बा को ‘लालची किस्म का इंसान’ करार देते हुए कहा कि आरोप कोई भी लगा सकता है, लेकिन सबूत ही नहीं हैं। उन्होंने उल्टा एंकर विकास भदौरिया से कहा कि अगर मैं आपके बारे में कह दूँ कि आपने अपने संपादक की हत्या कर दी, तो क्या आरोप लग गया? उन्होंने कहा:
“जब हम बहुत छोटे थे तो हम माँ-बेटियों को ये घर से निकाल देते थे, वो भी रात के 9 बजे। ये किस हक़ से बोल रहे हैं? हम किस स्कूल में पढ़ते थे, हमारी स्कूल यूनिफॉर्म क्या थी, हम फी कहाँ से भरते थे और किताबें कहाँ से खरीदते थे – इन्हें कुछ नहीं पता। इनकी उपस्थिति हमारी ज़िंदगी में सिर्फ इसीलिए है, ताकि ये हमें परेशान कर सकें। हमारी माँ ने नया घर बनाया तो ये वहाँ भी धमक गए और पूछने लगे कि रुपए कहाँ से आए और उन्हें क्यों नहीं दिए गए?”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल रशीद शोरा ने शेहला से पूछा कि जब वो दिल्ली में पढ़ाई पूरी करने के लिए पहली बार जम्मू कश्मीर से बाहर गईं और जालंधर गईं, तो किसके साथ गई थी? शेहला रशीद ने इसका जवाब देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें कोई डिबेट नहीं करनी है और कोर्ट में मामला सुलझाया जाएगा। उन्होंने मुद्दों से ध्यान भटका कर कोर्ट की बातें करनी शुरू कर दी।
विकास भदौरिया ने शेहला को टोका कि अगर वो आरोपों और सवालों का जवाब नहीं देती हैं तो ये माना जाएगा कि वो सवालों से भाग रही हैं। शेहला बार-बार कहती रहीं कि वो कोर्ट में जवाब देंगी और उसके बाद फोन कॉल कट कर दिया। फोन काटने से पहले उन्होंने पूछा कि उनके अब्बा आखिर आतंकी जहूर वाटाली से मिले ही क्यों थे? अब्दुल रशीद शोरा ने कहा कि उनकी बेटी पूरे प्रेस को बहका रही है और वो सारे सबूत पेश करेंगे। अपने अब्बू अब्दुल रशीद शोरा के आरोपों का जवाब देने की बजाए शेहला ने फोन काट दिया।
इससे पहले शोरा ने बताया था, “शेहला ने पार्टी तब बनाई थी, जब वह यूएस गई थीं। इन्हें सारा फंड राष्ट्र विरोधी ताकतों से प्राप्त होता है। कोई राष्ट्रीय पार्टी इन्हें फंड नहीं देगी। अपने लिए सुरक्षा माँगने के साथ मैंने डीजी सर से इन फंड पर जाँच करने को भी कहा है।” उन्होंने ये भी खुलासा किया कि उनकी बेटी लेफ्ट पार्टी की एक्टिव सदस्य थी और वह मेरठ से चुनाव लड़ने वाली थी। शोरा के मुताबिक, शेहला ‘कुख्यात गतिविधियों’ में शामिल है।