राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने खालिस्तानी आतंकी धरमिंदर सिंह के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट (पूरक आरोप-पत्र) दायर की है। उसने प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘खालिस्तानी लिबरेशन फ्रंट (KLF)’ की गतिविधियों को आगे बढ़ाया था और सीमा पार से आतंकी नेटवर्क को बढ़ावा देने में भी उसकी सहभागिता थी। शुक्रवार (दिसंबर 4, 2020) को NIA ने बयान जारी कर के इस सम्बन्ध में अहम जानकारी दी।
KLF नार्को-टेरर मामले में पंजाब स्थित मोगा के रहने वाले 32 वर्षीय खालिस्तानी आतंकी धरमिंदर सिंह के खिलाफ केस चल रहा है। वह पाकिस्तान में रहने वाले जज्बीर सिंह सामरा से हेरोइन लेकर स्थानीय तस्करों को मुहैया कराता था। इससे जो भी धन प्राप्त होता था, उसे पाकिस्तान भेजा जाता था। इसका इस्तेमाल भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों में किया जाता था।
मोहाली स्थित स्पेशल कोर्ट में NIA ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की। IPC की धाराओं 120B और Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act, 1985 की धाराओं 25, 27, 27A और 29 के तहत मामला दर्ज किया है। KLF भारत को तोड़ कर खालिस्तान बनाने की इच्छा रखता है और इसके लिए आतंकी हरकतों को बढ़ावा देता है।
आज जब ‘किसान आंदोलन’ को हाइजैक कर खालिस्तानी अपने एजेंडे को बढ़ावा देने की कोशिश में लगे हुए हैं, इस बीच NIA की इस कार्रवाई से इस खतरे के फिर से सर उठाने को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है। इसी तरह से इस प्रदर्शन में प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस (SFS)’ के उपद्रवी भी शामिल हैं। मई में NIA ने KLF से जुड़े 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अधिकतर आरोपित दुबई और पाकिस्तान में रह रहे थे।
NIA Files Supplementary Chargesheet in Khalistan Liberation Force (KLF) Narco-Terror Case pic.twitter.com/TyhQejZKtc
— NIA India (@NIA_India) December 5, 2020
इसमें इस संगठन के सबसे बड़े सरगना हरमीत और ड्रग तस्कर जसमीत सिंह भी शामिल था। ये सभी ड्रग्स की तस्करी के माध्यम से आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे थे। इसमें आतंकियों के अलावा कई हवाला ऑपरेटर्स भी शामिल थे। 2018 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने UAPA एक्ट के तहत KLF को प्रतिबंधित किया था। मई 2019 में आधा किलो हेरोइन और 1.20 लाख रुपए जब्त होने के बाद NIA ने कार्रवाई शुरू की थी।
ज्ञात हो कि खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने किसानों के विरोध-प्रदर्शनों के लिए समर्थन की घोषणा की है। YouTube और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ऐसे विज्ञापन दिखाई देने लगे हैं, जिसमें लोगों से खालिस्तानी आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया जा रहा है। SFJ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने उन किसानों के लिए 10 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता की घोषणा की है, जिन्हें दिल्ली की यात्रा के दौरान किसी भी तरह का नुकसान हुआ हो।