सपा-बसपा के गठबंधन के बाद, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट के ज़रिए इस बात को कहा कि इस गठबंधन ने बीजेपी के कई लोगों को हतोत्साहित किया होगा। इसलिए पार्टी के निराश और अशांत कार्यकर्ता अब सपा-बसपा से जुड़ना चाहते हैं।
शनिवार (जनवरी 12, 2019) को औपचारिक रूप से गठबंधन की घोषणा करने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने रविवार (जनवरी 13, 2019) को ट्वीट किया है कि बीजेपी के कई कार्यकर्ता बेहद हताश और निराश हैं और अब सपा-बसपा का हिस्सा बनना चाहते हैं।
बता दें कि शनिवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की मायावती ने उत्तर प्रदेश में अपने गठबंधन की घोषणा की। ये दोनों पार्टियाँ 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इस गठबंधन पर पिछले साल मार्च से ही दोनों पार्टियों के मुखिया मायावती और अखिलेश यादव काम कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं की इस गठबंधन को लेकर कई प्रतिक्रियाएँ आईं। जिसके बाद अखिलेख यादव ने ट्वीट करके कहा है, “बसपा-सपा में गठबंधन से न केवल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व व पूरा संगठन बल्कि कार्यकर्ता भी हिम्मत हार बैठे हैं। अब भाजपा बूथ कार्यकर्ता कह रहे हैं कि ‘मेरा बूथ, हुआ चकनाचूर’। ऐसे निराश-हताश भाजपा नेता-कार्यकर्ता अस्तित्व को बचाने के लिए अब बसपा-सपा में शामिल होने के लिए बेचैन हैं।”
बसपा-सपा में गठबंधन से न केवल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व व पूरा संगठन बल्कि कार्यकर्ता भी हिम्मत हार बैठे हैं. अब भाजपा बूथ कार्यकर्ता कह रहे हैं कि ‘मेरा बूथ, हुआ चकनाचूर’. ऐसे निराश-हताश भाजपा नेता-कार्यकर्ता अस्तित्व को बचाने के लिए अब बसपा-सपा में शामिल होने के लिए बेचैन हैं. pic.twitter.com/z9EEB0io4G
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 13, 2019
हम उनके इस ट्वीट को गठबंधन पर भाजपा द्वारा दी गई प्रतिक्रिया की प्रतिक्रिया भी कह सकते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने खुल कर गठबंधन पर बात की।
अखिलेश का कहना है कि इस गठबंधन का बीज तो उसी दिन रख दिया गया था, जब भाजपा के नेताओं ने मायवती जी को अपमानित करना शुरू किया था,और बीजेपी ने उन्हें सज़ा देने की बजाए उन्हें मंत्री पद पर बिठा दिया (बता दें अखिलेश की ये बात उस संदर्भ में है, जब मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफ़ा दिया था)।