जहाँ पूरे देश की मीडिया कई मुद्दों पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर बहस में जुटी है, वहीं महाराष्ट्र में मुंबई और नागपुर के बीच का सफर अब सड़क से 8 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इस एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में शुरू किया गया था और पूरे प्रोजेक्ट का खाका भी खींचा गया था। हालाँकि, इसके उद्घाटन के समय उद्धव ठाकरे सीएम हैं और फडणवीस राज्य में नेता प्रतिपक्ष हैं।
शनिवार (नवंबर 5, 2020) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जानकारी दी कि मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेस वे का नागपुर से लेकर शिरडी वाला हिस्सा मई 1, 2021 को जनता के लिए खोल दिया जाएगा और उस दिन से आवागमन शुरू हो जाएगा। इस 8 लेन के एक्सप्रेसवे को 55,000 करोड़ रुपए की कीमत से बनाया जा रहा है। ये कुल 701 किलोमीटर का है। फ़िलहाल मुंबई से नागपुर की दूरी तय करने में 18 घंटे लगते हैं।
मई 2018 में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने इस एक्सप्रेसवे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके कंस्ट्रक्शन अग्रीमेंट को तब मंजूर किया गया था। इस प्रोजेक्ट के द्वारा 392 गाँवों और 26 तालुका को तो जोड़ा ही जा रहा है, साथ ही 14 पर्यटन स्थलों को भी आपस में जोड़ा जा रहा है। इन सबके बीच 17 इंडस्ट्रियल इलाके भी विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट विभाग को 8603 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ी।
इस एक्स्प्रेसवे में आधुनिक कम्युनिकेशन फैसिलिटी होंगी और ये अमरावती और औरंगाबाद से होकर गुजरेगी। इसके बीच में आईटी पार्क्स, स्मार्ट सिटीज और कई शिक्षा संस्थान भी स्थापित किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर से ही आते हैं और उनके परिवार का यहाँ के म्युनिसिपल चुनावों में लम्बे समय तक दबदबा रहा है। RSS का मुख्यालय और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का क्षेत्र भी यही है।
The expressway connecting the two capitals of Maharashtra will reduce the travel time between the cities to around 8 hours, say officials.
— HTMumbai (@HTMumbai) December 5, 2020
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मुंबई-नागपुर समृद्धि कॉरिडोर को देवेंद्र फडणवीस का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है। तब जिस शिवसेना ने इसका विरोध किया था, अब उसके ही मुखिया इसका उद्घाटन करने की बाट जोह रहे हैं। तब शिवसेना ने कहा था कि इससे जमीन का अधिग्रहण होगा और आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़ेगी। अब उद्धव ठाकरे कह रहे हैं कि वो इस प्रोजेक्ट पर गर्व महसूस कर रहे हैं। तब शिवसेना ने इस प्रोजेक्ट के लिए NDA सरकार के इरादों पर सवाल खड़ा किया था, जबकि वो खुद सरकार में शामिल थी।