रिलायंस जियो ने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (TRAI) को एक पत्र लिखा है। पत्र में रिलायंस जियो ने टेलीकॉम कम्पनी एयरटेल और वोडा आइडिया (Airtel-Vi) पर किसान आंदोलन का फ़ायदा उठाते हुए झूठी अफ़वाहें फ़ैलाने और दुष्प्रचार का आरोप लगाया है। इस पत्र में TRAI से माँग की गई है कि दोनों कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, दावा किया गया है कि यह अनैतिक तरीकों का इस्तेमाल कर भ्रम फैला रहे हैं कि कृषि सुधार क़ानूनों से रिलायंस जियो को फ़ायदा होगा।
पत्र में इस बात का भी ज़िक्र किया गया है कि दोनों कंपनियों ने TRAI के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है। पत्र के मुताबिक़, “एयरटेल और वोडा आइडिया (Airtel-Vi) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी अटकलों को बढ़ावा दे रहे हैं, इस तरह का मिथ्या प्रचार कर रहे हैं कि नए कृषि सुधार क़ानूनों से रिलायंस का लाभ होगा। दोनों कंपनियों द्वारा चलाए गए इस तरह के ब्रांड विरोधी अभियान का ही नतीजा है कि भारी संख्या में ‘पोर्ट आउट रिक्वेस्ट’ (Port out request) आ रही हैं। दोनों कंपनियों द्वारा चलाए गए अभियान की वजह हमारे ग्राहक अलग हो रहे हैं जबकि उन्हें हमारी सेवाओं से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी नहीं है।”
इसके बाद रिलायंस ने अपने पत्र में यह आरोप भी लगाया है कि एयरटेल और वोडा-आइडिया अपने कर्मचारियों, एजेंट्स और रिटेलर्स की मदद से पूरा अभियान ज़ोर शोर से चला रहे हैं। इतना ही नहीं, वह रिलायंस के ग्राहकों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं और इससे कंपनी की छवि को बहुत ज़्यादा नुकसान हो रहा है। दोनों कंपनी उत्तर भारत के तमाम हिस्सों में मौजूद ग्राहकों को अपनी तरफ खींचने के लिए तमाम अनैतिक हथकंडे अपना रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, रिलायंस ने दोनों प्रतिद्वंद्वी कंपनियों पर दुष्प्रचार का अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए सबूत भी साझा किए हैं। अंत में रिलायंस ने यह भी कहा है कि इसके पहले भी उसने इस मुद्दे पर TRAI से शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन दोनों कंपनियों ने ऐसी हर बात को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया। ताज़ा मामले में भी दोनों कंपनियों के TRAI के तमाम अहम नियमों की अनदेखी करते हुए इस तरह का अभियान चलाया है।