11 साल पहले एक महिला को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस की नजरों से फरार हुआ अपराधी अब जाकर मुंबई पुलिस की पकड़ में आया है। 38 वर्षीय राजा भीमराव रामपुरे ने अपना मजहब और नाम तक बदल लिया था। वो मोहम्मद रियाज शेख के नाम से छद्म मुस्लिम पहचान के साथ रह रहा था। नेहरू नगर पुलिस ने दिसंबर 2010 में उसके खिलाफ एक महिला को बुरी तरह पीटने और दुर्व्यवहार करने का मामला दर्ज किया था।
उसने कुर्ला ईस्ट में इस घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद वो पुलिस की नजरों से बचने के लिए फरार हो गया। पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था। लेकिन, इस घटना के लगभग 11 वर्षों बाद उसे गुरुवार (दिसंबर 31, 2020) को भिवंडी से धर-दबोचा गया। वो 2011 से यहीं रह रहा था। जबकि 2010 में वो वत्सलाबाई नाईक नगर में रहा करता था। वो अपनी बीवी और बेटी के साथ वहाँ रहा करता था।
उसने अपने दो दोस्तों के साथ मिल कर महिला की पिटाई की थी। इसके लिए उन्होंने बाँस की छड़ी और लकड़ी के फट्टों का इस्तेमाल किया था। तीनों पीड़िता के ही घर में मरम्मत का कार्य कर रहे थे और उसी दौरान पेमेंट को लेकर उनकी महिला के साथ बहस हुई थी। आरोपित बतौर कंस्ट्रक्शन मजदूर काम करता था। नेहरू नगर पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर दयानेश्वर पाटिल ने उसकी गिरफ़्तारी की पुष्टि की है।
अब पुलिस उस महिला की तलाश कर रही है, जिसने ये शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपित के खिलाफ IPC की धारा 326 (किसी घातक हथियार से किसी को गंभीर रूप से जख्मी कर देना), 323 (स्वेच्छा से जानबूझकर किसी व्यक्ति को चोट पहुँचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझ कर अपमान करना) और 34 (जब कोई आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों ने सामान्य इरादे से किया हो, तो प्रत्येक व्यक्ति ऐसे कार्य के लिए बराबर जिम्मेदार होता है) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इसके दोनों साथियों को तभी गिरफ्तार कर के उनके खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली गई थी। लेकिन, राजा भीमराव रामपुरे परिवार सहित कुर्ला ईस्ट के अपने किराए के घर से निकल भागा था। कुछ दिनों के लिए वो लोग अपने गृह इलाके शोलापुर में ही रहे। जब वो लौटा तो उसने अपनी पहचान बदल ली। उसने एक मुस्लिम लड़की से शादी कर रखी है। इसीलिए, उसने पुलिस को अपना मजहब बदल कर भ्रमित करने की कोशिश की।
पुलिस ने उसका जो PAN और आधार कार्ड जब्त किया है, उन सबमें उसका नाम मोहम्मद रियाज शेख ही है। सब-इंस्पेक्टर पाटिल फरार आरोपितों की तलाश की ही जिम्मेदारी संभालते हैं। उन्हें हाल ही में एक टिप-ऑफ मिला था कि आरोपित वाशी नाका इलाके में रह रहा हो सकता है, जिसके बाद 15 दिन पहले उसकी तलाश शुरू हुई। पुलिस यूँ तो उसके पुराने घर वाले इलाके में किसी अन्य आरोपित की तलाश में गई थी, लेकिन उसके मामले की भी इस दौरान तहकीकात की गई।
एक स्थानीय व्यक्ति ने आरोपित का पता दिया, लेकिन वो वहाँ नहीं मिला। बाद में उसके एक दूर के सम्बन्धी से उसका पता मिला। सम्बन्धी को नहीं पता था कि वो इस मामले में आरोपित है। उसकी पत्नी को कह कर उसे खेमानी रोड के उस्माननगर में बुलाया गया और कहा गया कि एक मामले में उसका बयान लेना है। वो वहाँ पहुँचा, लेकिन पुराने मामले की याद आने पर भागने की कोशिश की। फिर पुलिस ने उसे दबोच लिया।
वो बार-बार कहता रहा कि वो मुस्लिम है, जबकि पुलिस जिसकी तलाश कर रही है उस आरोपित का नाम हिन्दू वाला है। उसने अपनी दाढ़ी भी मुस्लिमों की तरह ही बढ़ा रखी थी, ताकि पुलिस को कन्फ्यूज कर सके। लेकिन, उसके रिश्तेदार ने थाने आकर उसकी पहचान की, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अब उसे जुडिशल कस्टडी में रिमांड पर भेजा गया है। उसे नेहरू नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया।