गणतंत्र दिवस के मौके पर तथाकथित किसानों ने दिल्ली में जमकर बवाल किया। किसानों की आड़ में हिंसक दंगाइयों ने लाल किले पर धावा बोला, पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की और स्मारक में भी तोड़फोड़ की। यहीं नहीं दंगाइयों ने राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर खूब उत्पात मचाया और राष्ट्रीय ध्वज को बदनाम करते हुए देश के खिलाफ विद्रोह को अंजाम दिया। इसके अलावा अब उन्हें राष्ट्रीय स्मारक की दीवारों पर पेशाब करते हुए भी पाया गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दंगाइयों की करतूतों का एक चौकाने वाला वीडियो सामने आया है। दरअसल, जिन दंगाइयों ने लाल किले पर कथित तौर पर तिरंगे की जगह खालिस्तान का झंडा फहराया था, उन्होंने स्मारक की दीवारों पर पेशाब कर उसे अपवित्र भी कर दिया है।
Urinating in Lal Quila wall. Mughals ke najayaz isko nhi justify karenge. pic.twitter.com/WJta82npb2
— Facts (@BefittingFacts) January 28, 2021
हिंसक प्रदर्शनकारियों के इस करतूत का वीडियो इंटरनेट पर अब वायरल हो गया है। सोशल मीडिया यूजर बीफटिंग फैक्ट्स ’द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो के अनुसार, दंगाइयों के एक समूह को लाल किले की दीवारों पर पेशाब करते हुए देखा गया था।
वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि कैसे अन्य दंगाइयों ने अपराधियों के इस वीभत्स करतूत को देखने के बाद भी उन्हें रोका नहीं, बल्कि वे उनका उत्साह बढ़ाते और इस कारनामें पर खुशी जताते हुए नजर आ रहे है। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों में से एक को प्रधानमंत्री मोदी के मुँह में पेशाब करने के लिए कहते हुए भी सुना जा सकता है।
वीडियो बनाते हुए एक दंगाई कहता है कि, “हम मोदी के मुँह में पेशाब करेंगे।”
गौरतलब है कि किसानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली की अनुमति दिल्ली पुलिस से ली थी, लेकिन शर्तों को नहीं माना गया। किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर बैरिकेड्स को तोड़कर राजधानी में प्रवेश किया और जगह-जगह उपद्रव किया।
वहीं अब दिल्ली पुलिस ने इस पूरी घटना को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। जिसमें पुलिस ने बताया कि दिल्ली के लोगों की सुरक्षा के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि कुछ नियम और शर्तों के साथ यह किसानों को लिखित रूप में दिया गया था – रैली दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी, इसका नेतृत्व किसान को करना था नेताओं को अपने समूहों के साथ रहना होगा। लेकिन इसके बावजूद किसानों ने तय रूट की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि जो हिंसा हुई, वह नियम और कानूनों की अनदेखी करने के कारण हुई।
पुलिस ने कहा प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा था कि कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए लेकिन उह्नोने संयम बरते रखा।
- ◆किसानों ने अवरोध तोड़े और धार्मिक झंडे भी लहराए, हिंसा और पुरातत्व विभाग की सम्पत्ति पर फहराए गए झंडे को हम गम्भीरता से ले रहे हैं।
- ◆हिंसा के वीडियो हमारे पास हैं, और उनके आधार पर एक्शन लिया जाएगा।
- ◆25 से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज हो चुके हैं।
- ◆कोई भी अपराधी छोड़ा नहीं जाएगा, जो भी किसान नेता हैं और वो दोषी पाए जाते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- ◆अगर हमारी प्रोसेज में कोई कमी होती तो हम ट्विटर पर मिले एकाउंट्स को पहचान नहीं पाते, लेकिन हमारे बीच समझौता हुआ था और उसके अनुसार चलना था, लेकिन समझौता तोड़ा गया ।
- ◆ पुलिस ने संयम बरतकर परिस्थितियों को संभाला और जो लोग इसके पीछे थे उनके बारे में जानकारी मिल रही है।