किसानों नेताओं ने हिंसा भड़काई, धार्मिक झंडे लहराए और विश्वासघात किया: दिल्ली पुलिस

दिल्ली में किसान और पुलिस की झड़प के बाद पुलिस प्रेस वार्ता कर रही है (प्रतीकात्मक चित्र/साभार- इंडिया डॉट कॉम)

गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान आन्दोलनकारियों के लाल किले पर उपद्रव के बाद दिल्ली पुलिस आज शाम 8 बजे से प्रेस वार्ता कर रही है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी सूचना देते हुए कहा कि इस दौरान पुलिस कल किसान रैली के दौरान हिंसा के संबंध में सभी सवालों का जवाब देगी।

शाम आठ बजे प्रेस वार्ता शुरू करते हुए दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिल्ली के लोगों की सुरक्षा के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि कुछ नियम और शर्तों के साथ यह किसानों को लिखित रूप में दिया गया था – रैली दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी, इसका नेतृत्व किसान को करना था नेताओं को अपने समूहों के साथ रहना होगा।

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ट्रैक्टर रैली के दौरान मंगलवार को भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि शांतिपूर्ण रैली की शर्त थी, लेकिन किसानों ने तय रूट की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि जो हिंसा हुई, वह नियम और कानूनों की अनदेखी करने के कारण हुई। उन्होंने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए लेकिन उह्नोने संयम बरते रखा।

प्रमुख बातें –

  • किसानों ने अवरोध तोड़े और धार्मिक झंडे भी लहराए
  • हिंसा और पुरातत्व विभाग की सम्पत्ति पर फहराए गए झंडे को हम गम्भीरता से ले रहे हैं
  • हिंसा के वीडियो हमारे पास हैं, और उनके आधार पर एक्शन लिया जाएगा
  • 25 से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज हो चुके हैं
  • कोई भी अपराधी छोड़ा नहीं जाएगा, जो भी किसान नेता हैं और वो दोषी पाए जाते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
  • अगर हमारी प्रोसेज में कोई कमी होती तो हम ट्विटर पर मिले एकाउंट्स को पहचान नहीं पाते, लेकिन हमारे बीच समझौता हुआ था और उसके अनुसार चलना था, लेकिन समझौता तोड़ा गया
  • पुलिस ने संयम बरतकर परिस्थितियों को संभाला और जो लोग इसके पीछे थे उनके बारे में जानकारी मिल रही है।

प्रेस वार्ता से ठीक पहले दिल्ली पुलिस ने अपनी एफआईआर में आईटीओ में हुई हिंसा का क्रमवार विवरण पेश किया है। पुलिस ने बताया कि कैसे पुलिस के बार-बार लाउडस्पीकर पर कहने के बाद भी किसानों ने कानून व्यवस्था नहीं बनाए रखी और हिंसा करते हुए आगे बढ़ते रहे।

इस एफआईआर में उस एक्सीडेंट की भी बात है, ट्रैक्टर से तेज रफ्तार में आ रहे एक किसान की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि ट्रैक्टर के हादसे के बाद पुलिसवालों ने ट्रैक्टर चालक को बचाने की भी कोशिश की लेकिन एक अन्य ट्रैैक्टर आया और उसने उन्हें ही कुचलने की कोशिश की जिसके चलते पुलिसवालों को वहाँ से भागना पड़ा।

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गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर कई किसान नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। इसमें किसान नेता राकेश टिकैत, डॉ दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है। ये सभी नेता किसान संगठनों से जुड़े हैं। इसी FIR में योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) का भी नाम शामिल है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर परेड के दौरान इन नेताओं की ओर से नियमों का उल्लंघन किया गया।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का एफआईआर में नाम शामिल किया गया है। एफआईआर में धारा 307 (हत्या के प्रयास), 147 (दंगा को लेकर सजा) और 353 (सरकारी नौकरशाह को ड्यूटी से रोकना या उन पर हमला करना) लगाई गई हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया