राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR, देश में बाल अधिकारों के कानूनों और नीतियों के लिए जिम्मेदार शीर्ष निकाय) ने आर्थिक अपराध शाखा को पत्र लिखते हुए विवादास्पद न्यूज़ चैनल NDTV के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मामले में उचित कार्रवाई की माँग की है। आयोग का आरोप है कि चैनल बच्चों की आड़ में अवैध रूप से पैसा कमाने का काम कर रहा है।
दिल्ली पुलिस के ईओडब्ल्यू के जॉइंट कमिश्नर को लिखे गए पत्र में – NCPCR ने भारत सरकार के साथ काम करने वाले एक फाउंडेशन के नाम का उपयोग करके बच्चों के लिए कथित फंड इकट्ठा करने के लिए NDTV के खिलाफ एक शिकायत की जाँच करने के लिए कहा है।
NCPCR ने अपने पत्र में कहा कि उन्हें NDTV के खिलाफ एक शिकायत मिली है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि विवादास्पद समाचार कंपनी UNICEF के साथ मिल कर चीन से फैले कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित बच्चों की मदद के लिए फंड इकट्ठा कर रहा है।
शिकायतकर्ता ने कहा था कि NDTV ने दावा किया है कि ये फंड चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन के लिए इकट्ठा किया जा रहा है, जो महिला और बाल विकास मंत्रालय के साथ काम करती है। बता दें कि चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन मंत्रालय के तहत एक नोडल एजेंसी है, जो संकटग्रस्त बच्चों के लिए ‘चाइल्डलाइन 1098’ नामक एक टेलीफोन हेल्पलाइन संचालित करती है।
हालाँकि, यह बात चौकाने वाली है कि कथित फाउंडेशन और मंत्रालय को NDTV द्वारा इनके नाम पर आयोजित धन उगाही अभियान के बारे में पता नहीं है।
NCPCR को लिखे गए अपने पत्र में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि NDTV द्वारा शुरू किया गया कथित धन उगाहने वाला आयोजन महज एक धोखाधड़ी था, जिसमें चैनल द्वारा अपने फायदे के लिए अवैध तरीके से बच्चों के नाम का इस्तेमाल पैसा जुटाने के लिए किया गया था।
ईओडब्ल्यू की शिकायत को फॉरवर्ड करते हुए NCPCR ने अब NDTV के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक पत्र लिखा है और समाचार कंपनी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए इस तरह धन जुटाने और इससे प्राप्त धन के उपयोग को लेकर जाँच की माँग की है। इसके अलावा NCPCR ने बाल अधिकारों के संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 13 (1) (j) के तहत NDTV पर कार्रवाई करने की बात कही है।
विवादास्पद मीडिया हाउस NDTV, जिसके प्रमोटर्स मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स धोखाधड़ी के मामलों में आरोपित हैं, ने नवंबर 2020 में COVID-19 संकट के दौरान बच्चों की सहायता के लिए ‘NDTV-UNICEF रिइमैजिन टेलीथॉन‘ के तहत धन इकट्ठा करने वाली एक कथित पहल शुरू की थी।
NDTV के अनुसार, इसने बच्चों के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए UNICEF के साथ हाथ मिलाया था। ‘रिइमैजिन’ स्पेशल टेलीथॉन का मुख्य उद्देश्य COVID-19 संकट से प्रभावित सबसे कमजोर बच्चों की मदद करना है, जो कि NDTV द्वारा निर्धारित फंड लॉन्च पर दावा किया गया था।
लॉन्च के दौरान NDTV ने कहा था, “इस महामारी से शिकार बच्चों को भुला दिया गया है। COVID ने न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, बल्कि इसके चलते कई बच्चों ने अपना स्कूल छोड़ दिया है। लॉकडाउन के सुकून के साथ, चीजों में सुधार होगा लेकिन बहुत लंबे समय तक यह स्थिति सामान्य नहीं होगी। जिसके चलते जीवन, शिक्षा और भविष्य में काफी नुकसान होगा।”
लॉन्च के दौरान, NDTV ने दावा किया था कि स्वास्थ्य देखभाल, पोषण और टीकाकरण जैसे तत्काल वित्त पोषण और महत्वपूर्ण जीवन-यापन हस्तक्षेप के बिना, अगले छह महीनों में हर दिन भारत में अतिरिक्त 1600 बच्चे मर सकते हैं। बच्चों की मदद करने के नाम पर फंड की माँग करते हुए NDTV ने यह दावा करते हुए धनराशि माँगी थी कि वे सबसे कमजोर वर्ग के बच्चों की रक्षा करेंगे।
NDTV ने दावा किया, “हमारे बच्चों के भविष्य को फिर से रिइमैजिन करें। NDTV और UNICEF के विशेष अभियान, “रिइमैजिन अवर चिल्ड्रन फ्यूचर में शामिल हों।”
गौरतलब है, जहाँ एक तरफ NDTV ने दावा किया है कि उन्होंने UNICEF के साथ धन इकट्ठा करने का आयोजन किया था, वहीं वैश्विक बाल अधिकार संस्था ने NDTV द्वारा किए गए इस तरह के दावों का खंडन किया। NDTV द्वारा यूनिसेफ के नाम के इस्तेमाल को लेकर वैश्विक संगठन ने एक बयान जारी कर कहा कि कुछ संगठन और व्यक्ति बिना किसी प्राधिकरण के धन जुटाने और प्रचार के लिए यूनिसेफ के नाम का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
UNICEF ने विवादास्पद न्यूज़ आउटलेट का नाम लिए बिना NDTV के धन उगाहने वाले अभियान की आलोचना करते हुए कहा, “हम इस अनैतिक अभ्यास की निंदा करते हैं और इसमें शामिल संगठनों/व्यक्तियों से नाता तोड़ते हैं।”
उल्लेखनीय है कि NDTV ने अभी तक अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब नहीं दिया है। बता दें कि NCPCR में दर्ज शिकायत और NDTV के कथित धन उगाहने की घटना को लेकर आर्थिक अपराध शाखा को दिए गए पत्र के बाद अब इस समाचार कंपनी के खिलाफ विस्तृत जाँच हो सकती है।