आतंकी राजधानी दिल्ली को दहलाने की साजिश में जुटे हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने रविवार (फरवरी 14, 2021) को खुलासा किया कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद किसी बड़े हमले की फ़िराक में है। कश्मीर में सक्रिय आतंकियों ने अब पाकिस्तान के साथ-साथ बिहार से भी हथियारों की खरीद शुरू कर दी है।
आतंकी साजिशों के लिए पंजाब में पढ़ाई करने वाले कुछ कश्मीरी छात्रों का इस्तेमाल किया जा रहा था। इन अवैध हथियारों को घाटी तक लाने के लिए कई तिकड़म आजमाए गए थे। आतंकियों हिदायतुल्ला मलिक और जहूर अहमद राथर की गिरफ़्तारी के बाद दोनों से हुए पूछताछ में ये सूचनाएँ मिली हैं। मलिक लश्कर-ए-मुस्तफा का संस्थापक है, तो जहूर द ‘रेजिस्टेंट फ्रंट’ से जुड़ा हुआ है।
मलिक को जम्मू के कुंजवानी से दबोचा गया था। वहीं राथर सांबा जिले के बारी ब्राह्मना क्षेत्र से धराया है। ये दोनों जैश और लश्कर का मुखौटा संगठन चला रहे थे। मलिक को उसकी बीवी समेत 4 आतंकियों का साथ दबोचा गया, जो पिछले वर्ष एक बैंक वैन से 60 लाख रुपए की लूट के आरोपित हैं। उसने पाकिस्तान में आतंकवाद का प्रशिक्षण लेकर कश्मीर में अपना संगठन खड़ा किया। अब तक इस नेटवर्क के 8 आतंकियों की पहचान हो चुकी है।
Qazi Wasim, Ali Arbadar and Sohail, 3 college students of Chandigarh arrested for carrying 6.5KGS IED and were trying to plant them in Jammu. pic.twitter.com/lD5ZVqFsdG
— Facts (@BefittingFacts) February 14, 2021
इनमें से कुछ को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है। मलिक ने बिहार से 7 पिस्टल मँगा कर अपने गुर्गों में बाँटा। वो जम्मू में अपना अड्डा बनाने की योजना पर काम कर रहा था, ताकि कश्मीर में कड़ी सुरक्षा से बच कर आतंकी हरकतों को अंजाम दिया जा सके। पाकिस्तान से सुरंगों और ड्रोन के माध्यम से गोला-बारूद मँगाए जाते थे। वो जैश कमांडर आशिक नेंगरू का भी करीबी हुआ करता था।
आशिक के बारे में पता चला है कि वो अपने परिवार के साथ ही पाकिस्तान भाग गया है। पाकिस्तान भागने के बाद वो कश्मीर के आतंकियों को प्रशिक्षण और निर्देश दे रहा है। आईबी ने पिछले कुछ दिनों में सीमा पर 6 ऐसे सुरंगों का पता लगाया है, जिनका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए होता था। शनिवार को जम्मू बस स्टैंड से चंडीगढ़ के नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाले अल-बद्र के आतंकी सोहैल को IED विस्फोटक के साथ दबोचा गया था।
आईजी मुकेश सिंह ने पाकिस्तान की साजिश का भंडाफोड़ करते हुए कहा था कि सोहेल को आईईडी लगाने के लिए तीन से चार जगहों का टारगेट दिया गया था। इनमें रघुनाथ मंदिर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और लखदाता बाजार का नाम शामिल था। इसमें से किसी एक जगह पर उसे आईडी रखना था। इस आईडी को रखने के बाद उसे श्रीनगर की फ्लाइट पकड़नी थी, जहाँ उसे अल बदर तंजीम का ग्राउंड वर्कर अथर शकील खान उसे रिसीव करता।
बता दें कि हिदायतुल्लाह मलिक के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार भी जब्त किए गए थे। हिदायतुल्लाह 24 मार्च 2019 को श्रीनगर से दिल्ली के लिए इंडिगो फ्लाइट से निकला था और अजीत डोभाल के दफ्तर के बाहर सुरक्षा तथा CISF की तैनाती के डिटेल्स जुटाए थे। फिर उसने इसका वीडियो अपने पाकिस्तानी आका को भेजा। इस सूचना के बाद डोभाल की भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।