आंध प्रदेश में मंदिरों को निशाना बनाने और मूर्तियों को खंडित करने की कई घटनाएँ हाल में सामने आई हैं। अब राज्य के गुंटूर जिले के इदलापाडू (Edlapadu) में हिंदुओं के अराध्य स्थल के पास विशालकाय क्रिश्चियन क्रॉस बनाए जाने का आरोप बीजेपी ने लगाया है। जिस जगह पर यह क्रॉस लगाया गया है, वहाँ माता सीता के पद चिह्न होने की मान्यता है। बीजेपी ने ईसाई प्रचारकों पर इस क्रॉस के निर्माण का आरोप लगाया है। आंध्र प्रदेश बीजेपी के सह प्रभारी सुनील देवधर ने ट्वीट कर बताया है कि गैर कानूनी तरीके से इस विशालकाय क्रॉस का निर्माण किया गया है।
See huge illegal Cross in Edlapadu, AP where once foot prints of #SitaMaa existed.
— Sunil Deodhar (@Sunil_Deodhar) March 2, 2021
Carving of Lord Narasimhama exists at back.
In Guntur Dist Christian mafias have created havoc.@BJP4Andhra & @friendsofrss protested but administration tacitly supported.#Encroachment4ChristInAP pic.twitter.com/WAfFgVYMD6
कथित अतिक्रमण की तस्वीर साझा करते हुए सुनील देवधर ने ट्वीट किया है, “आंध्र प्रदेश के इदलापाडू में जहॉं मॉं सीता के पद चिह्न विराजमान हैं, वहॉं लगाए गए इस विशलकाय गैरकानूनी क्रॉस को देखिए। भगवान नरसिम्हा की तराशी हुई प्रतिमा पीछे मौजूद है। गुंटूर जिले में ईसाई माफियाओं ने कहर मचा रखा रखा है। बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन प्रशासन ने ईसाई अतिक्रमणकारियों को मौन समर्थन दे रखा है।”
ऑर्गेनाइजर की रिपोर्ट के अनुसार हिंदुओं के लिए यह जगह अराध्य है और सदियों से वे इस जगह पर वैवाहिक आयोजन करते रहे हैं। लेकिन, बाद में चुपके से ईसाई आए और इस पहाड़ी के खुद से जुड़े होने का दावा करने लगे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार आने के बाद उन्होंने यहाँ चर्च भी बना लिया है। बीजेपी और आरएसस के कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद एक शीर्ष नौकरशाह जो खुद ईसाई हैं, कथित तौर पर चर्च को मदद कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से माता सीता के पद चिह्नों को नुकसान पहुँचाते हुए एक विशालकाय क्रॉस लगा दिया गया है।
इस इलाके की पहचान माता सीता के पद चिह्न और भगवान नरसिम्हा की तराशी हुई प्रतिमा को लेकर रही है।
In Edlapadu(Andhra Pradesh)a place where Sita Mata’s foot print was existed & carving of Lord Narasimhama was there is illegally captured by conversion mafias & an illegal cross built at that place.
— S. Vishnu Vardhan Reddy (@SVishnuReddy) March 2, 2021
No place for Hindus in AP under @ysjagan govt,attacks on Hindu temples continues. pic.twitter.com/A6aO8Hk01D
बीजेपी के नेताओं ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की ट्विटर पर कड़री आलोचना की है। जगन मोहन पर सत्ता में आने के बाद आंध प्रदेश में ईसाइयत को बढ़ावा देने के आरोप भी लगते रहे हैं।
आंध्र प्रदेश बीजेपी के नेता विष्णु वर्धन रेड्डी ने हिंदुओं के अराध्य स्थल पर गैर कानूनी तरीके से क्रॉस लगाने का आरोप कन्वर्जन माफियाओं पर लगाया है। रेड्डी ने इसकी तस्वीरें भी साझा की हैं। कथित तौर पर राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे हुए इस इलाके में ईसाई प्रचारकों ने मॉल भी बनाए हैं। साथ ही पूरे क्षेत्र का व्यवसायीकरण कर दिया है।
पुलिस ने दिया स्पष्टीकरण, लेकिन सवाल फिर भी है
गुंटूर पुलिस (ग्रामीण) ने एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में यह दावा किया गया कि हिंदुओं के पवित्र स्थल पर ईसाई क्रॉस जैसी संरचना का निर्माण नहीं किया गया है।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि हिंदुओं का पवित्र स्थल पहाड़ी की एक छोर पर है, जबकि क्रॉस का निर्माण हिंदुओं के पवित्र स्थल के विपरीत दिशा वाले छोर पर किया गया है।
Fact check : THEY ARE COMPLETELY 2 DIFFERENT HILLOCKS and there is absolutely NO encroachment of the hill where Narasimha Swami idol is there ..(check videos by our SHO)
— GUNTUR RURAL DISTRICT POLICE (@GntRuralPolice) March 2, 2021
Request to use Twitter to spread love, unity and peace..@APPOLICE100 @dgpapofficial @ysjagan pic.twitter.com/lc7HZpq6c5
अब वो सवाल, जो पुलिस के स्पष्टीकरण के बाद भी बचा रह गया। गुंटूर पुलिस ने अभी तक यह नहीं बताया कि ईसाई संस्था को उस पहाड़ी पर क्रॉस बनाने का अधिकार मिला था या नहीं। कई ट्विटर यूजर ने भी सवाल उठाया कि संभवतः यह जगह सरकार की है।
सवाल यह भी किया जा रहा है कि क्या ईसाई संस्था इस साइट पर क्रॉस जैसी संरचना के निर्माण की अनुमति थी? और क्या यह अनुमति सरकार ने दी थी? यदि सरकार ने अनुमति नहीं दी थी तब तो क्रॉस का यह निर्माण अवैध तरीके से ही किया गया है।