राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हिजबुल मुजाहिदीन के गिरफ्तार आतंकवादी नवीद बाबू को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जानती थीं। इतना ही नहीं उनकी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) का गिरफ्तार नेता वहीद उर रहमान पारा कश्मीर में पत्थरबाजों का गैंग चलाता था। साथ ही आतंकियों के लिए हथियारों का भी इंतजाम करता था।
एनआईए ने अदालत में वहीद उर रहमान सहित 3 लोगों के खिलाफ दायर एक चार्जशीट में बताया है कि पीडीपी नेता ‘पत्थरबाजी’ का रैकेट चलाता था और दक्षिण कश्मीर में हथियार की तस्करी का काम भी करता था। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के लिए कहा गया कि वह आतंकवादी नवीद बाबू को जानती थीं। वह उससे एक बार फोन पर बात भी कर चुकी हैं।
चार्जशीट में वहीद उर रहमान पर अपनी पहुँच का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही ये भी कहा गया कि वहीद ने एके-47 की तस्करी के लिए सरकारी वाहन का इस्तेमाल किया। चार्जशीट के अनुसार, पारा ने दक्षिण कश्मीर में पत्थरबाजी का रैकेट चलाया, जिसे उसने साल 2010-11 में संगठित किया था। उसने पॉलिटिकल माइलेज पाने के लिए पुलवामा में ऐसे 20-25 लड़कों को इकट्ठा किया था जो पत्थरबाजी में शामिल थे।
चार्जशीट में कहा गया है, “वहीद उर रहमान ने घाटी में लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों को समर्थन दिया। जाँच में ये भी पाया गया कि वह इरफान शफी मीर, दविंदर सिंह और सैयद नवीद मुश्ताक के साथ अपराधिक साजिश में शामिल था ताकि कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकियों के लिए फंड जुटाया जा सके।”
बता दें कि ये पूरा मामला हिजबुल कमांडर नवीद बाबू के साथ पकड़े गए डीएसपी दविंदर सिंह व अन्य की गिरफ्तारी से जुड़ा है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने इसमें पीडीपी नेता वहीद उर रहमान को भी आरोपित बनाया है। रहमान ने हाल ही में डीडीसी चुनाव में पुलवामा से जीत हासिल की है, मगर इस केस के चलते अभी वह जेल में है।
इससे पहले पीडीपी नेता पर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन को 10 लाख रुपए देने के इल्जाम लगे थे। एनआईए का कहना था कि पारा ने इरफान के साथ कई मीटिंग की। वह खुद भी आतंकी संगठन से जुड़ा है। उसने संगठन को हथियार खरीद के लिए 10 लाख रुपए दिए थे। कथित तौर पर ये पैसा दविंदर के जरिए नवीद तक जाना था, जिसे निलंबित अधिकारी ने श्रीनगर एयरपोर्ट पर रिसीव किया था।
उल्लेखनीय है कि दविंदर सिंह को हिजबुल आतंकियों के साथ पिछले साल 11 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उस समय तीनों एक साथ कार में जा रहे थे। पकड़े जाने पर पता चला कि दविंदर इस्लामी आतंकी संगठन के लिए काम कर रहा है। बाद में ये मामला 18 जनवरी को एनआईए के हाथ आया और अब लंबी जाँच के बाद इसमें चार्जशीट दाखिल हुई है।