जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट मामले में नया मोड़ आ गया है। महबूबा मुफ्ती पासपोर्ट का रिन्यूअल खारिज करने के खिलाफ श्रीनगर हाई कोर्ट पहुँच गई और उन्होंने कोर्ट से निर्देश देने की माँग की। हालाँकि, उन्हें इसका कोई फायदा नहीं मिला, क्योंकि हाई कोर्ट ने महबूबा मुफ्ती की अपील को खारिज कर दिया और कहा कि ये मामला उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर का है।
हाई कोर्ट ने क्या कहा?
महबूबा मुफ्ती के मामले की सुनवाई करते हुए श्रीनगर हाई कोर्ट के जस्टिस अली मोहम्मद माग्रे ने कहा कि पासपोर्ट ऑफिसर ने पुलिस वेरीफिकेशन की रिपोर्ट के आधार पर पासपोर्ट का रिन्यूअल रद्द किया है। ऐसे मामले में मैं कोई निर्देश नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि पासपोर्ट जैसे मामलों में कोर्ट के पास सीमित अधिकार क्षेत्र ही बनता है। उन्होंने कहा कि ये पूरी तरह से प्रशासनिक मामला है। कोर्ट ने भी कहा कि वो इस मामले में हस्तक्षेप के लिए कोई वजह नहीं जान पाए हैं।
पासपोर्ट ऑफिस ने भेजा था रिन्यूवल के रिजेक्शन का पत्र
बता दें कि 27 मार्च को श्रीनगर स्थित पासपोर्ट ऑफिस ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पत्र के माध्यम से ये जानकारी दी थी कि आपका पासपोर्ट रिन्यू नहीं हो सकता। क्योंकि पुलिस रिपोर्ट आपके अनुकूल नहीं है। इसके बाद महबूबा मुफ्ती भड़क गई थी।
बौखलाई महबूबा मुफ्ती
विदेश मंत्रालय का पत्र मिलने के बाद महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर जोरदार हमला बोला था। उन्होंने लिखा, “पासपोर्ट ऑफिस ने मुझे पासपोर्ट इश्यू करने से मना कर दिया, क्योंकि सीआईडी की रिपोर्ट में मुझे हिंदुस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया। ये है कश्मीर में सामान्य हालात की असलियत।” उन्होंने कहा कि कश्मीर में अगस्त 2019 के बाद से सब कुछ सामान्य बताया जा रहा है, जिसमें अब एक पूर्व मुख्यमंत्री का पासपोर्ट रखना इतने ताकतवर देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है।
महबूबा मुफ्ती ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर उस पत्र को भी पोस्ट किया। ये पत्र श्रीनगर स्थित विदेश मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय से भेजा गया है। जिसमें महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट को रिन्यू न करने की वजह बताई गई है। हालाँकि पत्र में ये भी लिखा गया है कि अगर आप इसके विरोध में अपील करना चाहती हैं, तो आप कर सकती हैं। बता दें कि अगर किसी को पासपोर्ट रिन्यू कराना होता है, तो स्थानीय पुलिस की एलआईयू की रिपोर्ट लगती है। जम्मू और कश्मीर में ये काम स्थानीय सीआईडी करती है।
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती पर मनी लाँन्ड्रिंग का केस चल रहा है। इसी केस में बीते गुरुवार को ईडी की टीम ने उनसे 5 घंटे तक पूछताछ भी की थी। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मुफ्ती के श्रीनगर स्थित घर से 23 दिसंबर 2020 को एक डायरी बरामद की थी, जिसमें कई प्रकार के वित्तीय लेनदेन का जिक्र था। जाँच एजेंसी इसी की पड़ताल में लगी हुई है।