Monday, May 6, 2024
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दूल्हे का कॉलर पकड़ा, पुरोहित को पीटा, लग्न भ्रष्ट किया: त्रिपुरा DM की हरकत को 5 विधायकों ने बताया ‘आतंक’, CM ने तलब की रिपोर्ट

"DM शैलेश यादव ने दूल्हा-दुल्हन की पिटाई की, बुजुर्ग पुरोहित को धक्का मारा और बुजुर्गों को गंदी-गंदी गालियाँ देते हुए उन्हें धकेल दिया। उन पर पुलिसकर्मियों के साथ भी हाथापाई करने का आरोप है। कहा गया है कि DM ने धमकी दी कि वो वेस्ट अगरतल्ला के पुलिस इंचार्ज को निलंबित करेंगे। उन पर शादी समारोह में उपस्थित महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार करने का आरोप है।"

एक शादी समारोह में घुस कर लोगों को पीटने वाले त्रिपुरा के DM शैलेश कुमार यादव के खिलाफ भाजपा विधायकों ने कार्रवाई की माँग की है, जिसके बाद मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देव ने इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है। वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के मजिस्ट्रेट को निलंबित करने के लिए 5 विधायकों ने मुख्य सचिव मनोज कुमार को पत्र लिखा है, जिसमें DM की हरकतों को ‘पूर्ण रूप से अशिष्ट और असभ्य’ करार दिया गया है।

डीएम शैलेश कुमार यादव ने कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन कराने के नाम पर दो शादी समारोहों में मारपीट की। विधायकों ने लिखा, “मैं आपका ध्यान सोमवार (अप्रैल 26, 2021) की रात DM द्वारा गोलाप बागान और माणिक्य कोर्ट में स्टेट टेररिज्म की जो हरकत की, उस ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ। ये शादी समारोह कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अनुमति के साथ हो रहा था। ये अशिष्ट और असभ्य हरकत थी।”

इस पत्र पर सत्ताधारी पार्टी के विधायकों दिबाचंद्र हरंगख्वाल, आशीष कुमार साहा, रामप्रसाद पॉल, सुशांता चौधरी और आशीष दास ने हस्ताक्षर किए थे। जिन विवाह भवनों में ये सब किया गया, वो रॉयल उज्जयंता पैलेस का हिस्सा हैं। पत्र में लिखा गया है कि इन्हीं DM ने इस शादी समारोह की अनुमति दी थी और साथ ही 4-4 कार ले जाने के लिए पास भी जारी किए गए थे। 50 लोगों के शामिल होने की शर्त पर समारोह के आयोजन की अनुमति थी।

विधायकों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों के दिशानिर्देशों के अनुरूप इन शादी समारोहों का आयोजन हो रहा था, लेकिन तभी DM अपने सुरक्षा कर्मचारियों के साथ वहाँ घुस गए और लोगों को पीटने लगे, उन्हें धमकियाँ देने लगे। आरोप है कि बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ा गया। जब उनके द्वारा ही हस्ताक्षरित आदेश की कॉपी दिखाई गई तो उन्होंने लोगों के सामने ही उसे फाड़ डाला। ऐसा व्यवहार किया गया, जैसे नियमों का उल्लंघन कर के समारोह आयोजित किया जा रहा हो।

विधायकों के अनुसार, DM शैलेश यादव ने दूल्हा-दुल्हन की पिटाई की, बुजुर्ग पुरोहित को धक्का मारा और बुजुर्गों को गंदी-गंदी गालियाँ देते हुए उन्हें धकेल दिया। उन पर पुलिसकर्मियों के साथ भी हाथापाई करने का आरोप है। कहा गया है कि DM ने धमकी दी कि वो वेस्ट अगरतल्ला के पुलिस इंचार्ज को निलंबित करेंगे। उन पर शादी समारोह में उपस्थित महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार करने का आरोप है।

पत्र में विधायकों ने लिखा है कि IAS शैलेश यादव ने महिलाओं को भी हिरासत में लेकर पकड़ कर थाने भिजवाया, जहाँ उन्हें कुछ देर हिरासत में रखने के बाद छोड़ा गया। बताया गया है कि इस घटना के ऑडियो और वीडियो क्लिप्स मौजूद हैं, जो सबूत के रूप में पेश किए जाएँगे। पत्र के अनुसार, वहाँ एक भी महिला पुलिस नहीं थी। अतिथियों पर लाठीचार्ज हुआ और शादी में व्यवधान डाल कर दूल्हे को ‘लग्नभ्रष्ट’ बना दिया गया।

विधायकों ने कहा है कि पुलिसकर्मियों के लिए DM द्वारा ‘चोर’ शब्द का प्रयोग करना ये बताता है कि उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा नियंत्रित विभाग के कर्मियों पर विश्वास नहीं है। अगले कुछ महीनों में कई शादियाँ होनी है, ऐसे में आशंका जताई गई कि ऐसे व्यवधान फिर पैदा किए जा सकते हैं। इस मामले की उच्च-स्तरीय जाँच के साथ-साथ शैलेश यादव को हटाने की माँग भी की गई है। पत्र के साथ शादी का परमिशन लेटर भी भेजा गया है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि शैलेश यादव ने दूल्हे का कॉलर पकड़ा था। उन्होंने ‘चलो, बाहर निकलो’ कहते हुए अतिथियों को खदेड़ा। इस अत्याचार के बारे में पूछने पर उन्होंने ‘प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों’ की दुहाई दी। विरोध होने पर उन्होंने कह दिया कि किसी को दुःख पहुँचा तो वो माफ़ी माँगते हैं, लेकिन वो जनता और समाज के व्यापक हितों को ध्यान में रख कर ऐसा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे लोग SOP का पालन करेंगे।

वहीं दुल्हन के भाई शुभ्रजीत देब ने भी फेसबुक के जरिए अपनी बात रखी है। उन्होंने बताया कि हिन्दू विधि-विधान से शुभ लग्न का समय तय किया था और अप्रैल 20 को त्रिपुरा में कड़ाई और तेज़ किए जाने के बाद ये आदेश दिए गए थे। उन्होंने पूछा कि क्या अब इस राज्य में ‘हिन्दू मैरेज एक्ट’ का पालन करना पाप है? उन्होंने सवाल दागा कि जब आदेश दिया था तो उसकी प्रति फाड़ी क्यों? उन्होंने आग्रह किया कि सामान्य नागरिकों को यूँ प्रताड़ित न किया जाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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