दक्षिण असम के हैलाकांडी जिले में हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया है। 3 पुलिस कॉन्स्टेबलों सहित 15 लोग घायल हो गए हैं और कई निजी सम्पत्तियों को भी आग के हवाले कर दिया गया है। खबर लिखे जाने तक किसी की भी मृत्यु की सूचना नहीं है।
पहले से दी गई थी धमकी, 144 लागू
विभिन्न ख़बरों के अनुसार कस्बे में साम्प्रदायिक तनाव की आशंका दो दिन पहले से ही थी जब बुधवार को नमाज पढ़ने आए नमाजियों के वाहन अज्ञात शरारती तत्वों ने तोड़ दिए थे। नाराज लोगों ने स्थानीय थाने में इसकी तहरीर दी थी। साथ ही यह धमकी भी दी थी कि अगर कार्रवाई न हुई तो अगली नमाज वे सड़क पर ही पढ़ेंगे। हैलाकांडी के पुलिस चीफ के हवाले से स्क्रॉल ने यह दावा किया है कि हिंसा की शुरुआत अज्ञात लोगों द्वारा सड़क पर नमाज पढ़ने से रोके जाने के बाद हुई।
उसके बाद दोनों ओर से पत्थरबाजी शुरू हो गई। परिस्थिति पर काबू करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की। इसके अलावा भीड़ पर खाली कारतूसों से निशाना लगाकर भी उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की गई। थोड़ी ही देर में जिलाधीश कीर्ति जल्ली ने 144 लागू करने का आदेश जारी कर दिया। पर आउटलुक पत्रिका के अनुसार, फ़ोन पर बात करते हुए उन्होंने आश्वस्त किया कि चिंता की कोई बात नहीं है और परिस्थिति पुलिस और प्रशासन के नियंत्रण में है।
क्या मंदिर का रास्ता रोक कर रहे थे नमाज?
इस बीच ट्विटर पर मामले का ऐसा एंगल भी कथित तौर पर सामने आया है जिसे मीडिया रिपोर्ट करने से बचता प्रतीत हो रहा है। पत्रकार अनिंद्य बनर्जी ने ट्वीट कर यह दावा किया है कि हिंसा तब भड़की जब नमाज मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर पढ़ी गई- यानि मंदिर का रास्ता रोक दिया गया। उन्होंने घटना का वीडियो होने का भी दावा किया और जोड़ा कि वह जानबूझकर वीडियो अभी (तनाव के माहौल में) जारी नहीं कर रहे हैं।
Alert: Communal clashes break out in Assam injuring 15. Clashes broke out after Friday prayers were allegedly held in a road that leads to a temple. Curfew imposed. Uneasy calm in the area.
— Anindya (@AninBanerjee) May 10, 2019
PS: Holding back video deliberately. pic.twitter.com/PzSbGOGUpA