शुक्रवार (14 मई) को उत्तर प्रदेश की चित्रकूट जेल में गैंगवार में खूँखार गैंगस्टर मुकीम काला और मेराजुद्दीन समेत 3 कैदी मारे गए थे। इन दोनों को शार्पशूटर अंशू दीक्षित द्वारा गोली मारी गई, जिसे बाद में पुलिस ने मार गिराया। घटना पर संज्ञान लेते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने जाँच का आदेश दे दिया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक शूटआउट के समय चित्रकूट जेल के तीन सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे, जिसके कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को जेल अधीक्षक एस पी त्रिपाठी और जेलर महेंद्र पाल को सस्पेंड कर दिया। साथ ही तीन अन्य जेल कर्मचारी संजय खरे, हरिशंकर राम और अमित कुमार को भी सस्पेंड किया गया है।
घटना के बाद से चित्रकूट जेल में सुरक्षा के मद्देनजर उत्तर प्रदेश पुलिस के 20 अतिरिक्त जवान और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है।
चित्रकूट जेल शूटआउट :
14 मई को कैदी अंशू दीक्षित ने दो अन्य कैदियों मुकीम काला और मेराजुद्दीन को सुबह 10 बजे के लगभग गोली मार दी। दोनों ही कुख्यात अपराधी और नेता मुख्तार अंसारी के करीबी थे। मुकीम काला जहाँ पश्चिमी उत्तर प्रदेश का गैंगस्टर था, वहीं मिराजुद्दीन पूर्वी उत्तर प्रदेश का कुख्यात अपराधी। अंशू सीतापुर का एक शार्पशूटर था। डीजी (कारागार) आनंद कुमार ने कहा कि जेल में पिस्टल कैसे पहुँची, इसकी जाँच की जाएगी।