11 दिनों चले संघर्ष के बाद इजरायल और हमास संघर्ष विराम करने पर सहमत हो गए हैं। इन दोनों के बीच हुए संघर्ष में 200 से ज्यादा फिलिस्तीनियों और इजरायल में 12 की मौत हुई। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने युद्धविराम की घोषणा की और सुरक्षा कैबिनेट ने अपने बयान में इसे “आपसी और बिना शर्त” कहा।
नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि इजरायल ने अपने सुरक्षा मंत्रिमंडल की देर रात बैठक के बाद मिस्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। हमास ने तुरंत इसका अनुसरण किया और कहा कि वह इस सौदे का सम्मान करेगा। हमास ने पुष्टि की संघर्ष विराम शुक्रवार को (भारतीय समयानुसार सुबह) 6 बजे से लागू होगा।
इजरायल ने संघर्ष विराम का सम्मान न होने पर फिर लड़ाई की चेतावनी
इजरायली कैबिनेट ने अपनी घोषणा में कहा कि मिस्र की मध्यस्थता वाले युद्धविराम पर सर्वसम्मति से सहमति बनी थी और उसे अपने इस अभियान से कई “महान उपलब्धियां” हासिल हुईं – उनमें से कुछ “अभूतपूर्व” थीं।
इजरायल ने साथ ही चेतावनी दी कि इस संघर्ष विराम का सम्मान नहीं करने पर लड़ाई को फिर से शुरू करने के लिए उसके दरवाजे खुले हैं। इजरायल ने जोर दिया कि जमीन पर वास्तविकता अभियान के भविष्य को निर्धारित करेगी।
युद्ध विराम लागू होने पर फिलिस्तीनियों ने मनाया जश्न
युद्धविराम प्रभावी होते ही, फिलीस्तीनी खुशी मनाने के लिए अपने घर छोड़कर गाजा की सड़कों पर निकल आए। उनमें से कुछ ने “अल्लाहू अकबर” का नारा लगाया, जबकि अन्य अपनी बालकनी से सीटी बजाते नजर आए।
सड़कें कारों से खचाखच भरी गई, ड्राइवर हॉर्न बजा रहे थे और लोग खिड़कियों से झंडे लहरा रहे थे। कुछ लोगों ने रायफल से हवा में फायरिंग की, तो कुछ ने पटाखे छोड़े। मस्जिद के लाउडस्पीकरों ने इसे “यरुशलम की तलवार की लड़ाई के दौरान कब्जे पर हासिल प्रतिरोध की जीत” के रूप में वर्णित किया।
एके-47 राइफल पकड़े एक व्यक्ति ने कहा, “हमारी उंगलियां ट्रिगर पर हैं, और हम फिर से लड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन अब हम अपने लोगों के साथ जश्न मनाएंगे।”
अमेरिका ने किया संघर्ष विराम के फैसले का स्वागत
युद्धविराम का ये फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के संघर्ष विराम के आह्वान और मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मध्यस्थता किए जाने के एक दिन बाद आया।
संघर्ष विराम की घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन ने लड़ाई में “सभी परिवारों, इजरायल और फिलिस्तीनी, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है” के प्रति अपनी ”संवेदना” व्यक्त की।
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, पिछले 11 दिनों से जारी इस संघर्ष में कम से कम 230 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जबकि इजरायल के 12 लोगों की मौत हुई है।
बायडेन ने की इजरायल के आयरन डोम की तारीफ
पिछले 11 दिनों में नेतन्याहू को 6 बार कॉल करने वाले बायडेन ने कहा कि अमेरिका के सहयोग से विकसित इजरायल की आयरन डोम डिफेंस सिस्टम ने संकट शुरू होने के बाद से “अनगिनत लोगों की जान” बचाई थी। बिडेन ने संघर्ष शुरू होने के बाद से ही नेतन्याहू को भविष्य में इजरायल सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए अपना “पूर्ण समर्थन” देने का वादा किया था। .
आयरन डोम का इस्तेमाल हमास द्वारा इजरायल की ओर दागे गए हजारों रॉकेटों में से कई को हवा में ही नष्ट करने के किया गया था। इजरायल ने हमास के रॉकेट हमलों के बाद गाजा पट्टी पर भारी हवाई हमले करते हुए जवाबी कार्रवाई की थी।
बिडेन ने कहा कि अमेरिका “तेजी से मानवीय सहायता” प्रदान करने और गाजा में “पुनर्निर्माण प्रयासों” में सहायता करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करेगा। उन्होंने कहा, “हम इसे हमास के बजाय फिलिस्तीनी प्राधिकरण के साथ साझेदारी में करेंगे, जिससे हमास को अपने सैन्य शस्त्रागार को बहाल करने की अनुमति न मिले।”
बाइडेन ने कहा, “मेरा मानना है कि फिलिस्तीनी और इजरायल समान रूप से सुरक्षित रूप से रहने और स्वतंत्रता, समृद्धि और लोकतंत्र के समान उपायों का आनंद लेने के अधिकारी हैं।”