पश्चिम बंगाल में सरकार के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के ट्रांसफर के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्र सरकार के विरोध में खड़ी हो गई हैं। केंद्र सरकार ने शुक्रवार (28 मई) को मुख्य सचिव बंदोपाध्याय को रिलीव करने और उन्हें 31 मई 2021 को सुबह 10 बजे तक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में रिपोर्टिंग करने के लिए कहा था। इसके बाद ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव के ट्रांसफर का विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक और अवैध बताया।
Chief Minister of West Bengal Mamata Banerjee says the move to transfer Chief Secretary Alapan Bandyopadhyay to Centre is “unconstitutional and illegal”. Says “it’s like bulldozing the basic structure of the Constitution.”@MamataOfficial @narendramodi #WestBengal pic.twitter.com/CA5BfLWctQ
— Bar & Bench (@barandbench) May 29, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (28 मई) को चक्रवात यास से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए ओडिशा और पश्चिम बंगाल का दौरा किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने कालीकुंडा में दोनों राज्य की सरकारों के साथ चक्रवात को लेकर समीक्षा बैठक भी की थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय एक ही परिसर में होने के बावजूद चक्रवात समीक्षा बैठक के लिए 30 मिनट की देरी से पहुँचे थे। ममता ने समीक्षा बैठक में प्रवेश करने के बाद चक्रवात के प्रभाव से संबंधित कागजात सौंपे और एक अन्य बैठक का हवाला देकर चली गईं।
West Bengal CM & Chief Secy arrived late by 30mins for cyclone review meet despite being in the same premises, according to sources. WB CM upon entering review meet handed over papers related to the cyclone impact & said that other meetings were lined up and left, as per sources. pic.twitter.com/h9dJcCT50V
— ANI (@ANI) May 28, 2021
इसके बाद केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव बंदोपाध्याय के ट्रांसफर को लेकर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूलन (CAT) और कलकत्ता हाई कोर्ट में कैविएट दाखिल किया। केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी अंशुमान मिश्रा के द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया है कि इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (कैडर) रूल्स, 1954 के नियम 6(1) के मुताबिक केन्द्रीय कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने 1987 बैच के आईएएस अधिकारी अलपन बंदोपाध्याय को भारत सरकार के अंतर्गत नियुक्ति को अनुमति दे दी है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि किसी भी असहमति की स्थिति उत्पन्न होने पर केंद्र सरकार का निर्णय प्रभावी होगा और संबंधित राज्य सरकार, केंद्र के इस निर्णय को लागू करेंगी।
हालाँकि, नियमानुसार कार्य होने के बाद भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस निर्णय को असंवैधानिक और गैर-कानूनी बताया। उन्होंने कहा कि यह संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर को खत्म करने जैसा है। ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र और राज्यों को एक साथ मिलकर कार्य करना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा CAT एवं कलकत्ता हाई कोर्ट में कैविएट दाखिल किए जाने पर ममता बनर्जी ने कहा कि जब वो कोर्ट जा सकते हैं तो हम भी कोर्ट जा सकते हैं। यह कार्रवाई एकतरफा नहीं हो सकती।