केरल की सत्ताधारी माकपा (CPI-M) के समर्थकों पर एक बड़े मलयालम चैनत की पूर्व पत्रकार ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। महिला पत्रकार के मुताबिक वामपंथी उन्हें और उनके पति को सोशल मीडिया के जरिए जान-बूझकर निशाना बना रहे हैं। विनिता वेणु नामक की इस पत्रकार का कहना है कि पुलिस महकमे में कार्यरत उनके पति को बदनाम करने के लिए सीपीआई-एम के समर्थक झूठी कहानियाँ गढ़ रहे हैं।
विनिता के अनुसार उनके पति कोजीकोड़े जिले के चोंबाला पुलिस थाने में पोस्टेड हैं। एक दिन उनके पति घर लौट रहे थे तो सेना में कार्यरत उनके एक मित्र जो फिलहाल नॉर्थ-ईस्ट में तैनात हैं, उनसे कहा कि वह कन्नूर जिले के पयाम में जाकर उनके (दोस्त के) माता-पिता का हाल जान लें। महिला पत्रकार के अनुसार उनके पति अपने दोस्त के माता-पिता के घर के पास बाइक खड़ी कर फोन पर बात कर रहे थे तो शराब के नशे में धुत लोग आए और सवाल करने लगे। इस बीच इरिट्टी से पुलिस ने आकर उन्हें बचाया।
इसके बाद सीपीआई-एम के समर्थकों ने सोशल मीडिया ग्रुप्स में परिवार को निशाना बनाना शुरू कर दिया। उनके पति पर संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने के आरोप लगाए जाने लगे। अगले दिन से उनके पति के बारे में कई कहानियाँ कही जानी लगीं। सीपीआई-एम के मुखपत्र देशाभिमानी में इसे लेकर एक खबर भी छपी। फेसबुक पोस्ट में महिला पत्रकार ने बताया है कि उनके पति ने कभी शराब तक नहीं पी। वायरल हो चुके इस पोस्ट में वह सीपीआईएम नेतृत्व से कहती हैं कि उन्हें इस प्रताड़ना से एक ही बार में छुटकारा दे दिया जाए।
हत्या की रिपोर्ट के बाद से शुरू हुई प्रताड़ना
IANS से बात करते हुए विनिता ने बताया कि उन्होंने यूथ कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता शुहैब की नृशंस हत्या की सूचना दी थी। शुहैब पर 12 फरवरी 2018 को कथित तौर पर माकपा के कुछ लोगों ने हमला किया था और घटना के बाद अगले दिन उसकी मौत हो गई थी। विनित के अनुसार इसके बाद से वह माकपा और उसके कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं।
उन्होंने बताया, “एक अन्य मामले में की गई रिपोर्टिंग के कारण भी सीपीआई-एम उनसे नाराज है। उस समय वह एक बड़े न्यूज चैनल में काम करती थीं। उन्होंने कोविड पॉजिटिव मरीज की जानकारी लीक होने पर रिपोर्ट की थी। बाकी चैनलों ने भी इस पर रिपोर्ट किया था।”
विनिता के अनुसार सीपीआई एम के समर्थकों ने सोशल मीडिया में दावा किया था कि यह सब जानकारी उन्हें अपने पति से मिली थी। उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से बदनाम करने के लिए है। मैंने स्टोरी तब की थी जब दो मलयालम चैनलों ने लीक पर रिपोर्ट कर ली थी। ये दावा कि मेरे पति ने मुझे इस पर जानकारी दी, बिलकुल गलत है। मेरे पति कनिष्ठ स्तर के पुलिसकर्मी हैं और बड़े अधिकारियों के पास हर मामले की जानकारी होती है।”
उन्होंने बताया कि उनके पति का 7 बार ट्रांसफर हुआ जो कि आमतौर पर केरल पुलिस में नहीं होता। जब उन्होंने पुलिस चीफ से इसकी शिकायत की तब जाकर यह सिलसिला रुका उन्हें कोजीकोड़े जिले में पोस्ट किया गया। ये जिला उनके गृह जिले कन्नूर से नजदीक है।
इस मामले में विनिता को वकील केके रेमा का भी समर्थन मिला। रेमा के पति भी सीपीआईएम के गुंडों द्वारा 4 मई 2012 को मारे गए थे। IANS से बात करते हुए उन्होंने कहा है, “चुनावों में जीत से उन्हें लग रहा है कि वे कुछ भी कर सकते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि एक महिला और उसके परिवार को प्रताड़ित करने से उन्हें न्याय नहीं मिलेगा और वे इतिहास के गर्त में चले जाएँगे। मैं विनीता वेणु और न्याय के लिए उनकी लड़ाई के साथ मजबूती से खड़ी हूँ।”