Sunday, November 17, 2024
Homeविविध विषयअन्यभारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बना रहेगा घरेलू और वैश्विक उत्साह: RBI की सरल मॉनेटरी...

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बना रहेगा घरेलू और वैश्विक उत्साह: RBI की सरल मॉनेटरी पॉलिसी के पीछे 3 बड़े कारण

हाल ही में आए निर्यात के आँकड़े मजबूत रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष मॉनसून सामान्य रहेगा। टीकाकरण अभियान से भी अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने में बहुत मदद मिली है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी मुद्रा-नीति की घोषणा की। बैंक की मॉनेटरी पालिसी कमिटी ने अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं को देखते हुए दो मुख्य निर्णय लिए:

# बैंक ने रेपो रेट (वह दर जिस पर रिज़र्व बैंक अन्य व्यावसायिक बैंकों को पैसे देता है) में कोई बदलाव न करते हुए उसे 4 प्रतिशत पर रखा
# रिवर्स रेपो रेट (वह दर जिस पर रिज़र्व बैंक व्यावसायिक बैंकों से डिपॉजिट/पैसे लेता है) भी बिना किसी बदलाव के 3.35 प्रतिशत पर रखा गया है।

रिज़र्व बैंक के इन निर्णयों से ब्याज दरों पर कोई असर नहीं होगा। ऐसे में होम लोन या और लोन की ईएमआई में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार बैंक ने घरेलू अर्थव्यवस्था को सहारा देने और मुद्रास्फीति की दर पर नियंत्रण के उद्देश्य से एक सरल मॉनेटरी पॉलिसी अपनाने का निर्णय लिया है।

वित्त वर्ष 2021-22 के अपने पहले द्विमासिक मुद्रा-नीति में कमिटी ने वैश्विक और घरेलू अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति और अर्थव्यवस्था के अपने आकलन प्रस्तुत किए। बैंक के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर की वजह से आर्थिक प्रगति की दर पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसे देखते हुए बैंक ने वित्त वर्ष 2022 के लिए जीडीपी के विकास की दर के अपने पूर्वानुमान को 10.5% से घटाकर 9.5% कर दिया है।

अप्रैल में मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग के पश्चात वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार देखा गया। बैंक के अनुसार इस सुधार में विकसित अर्थ्यव्यवस्थाओं का योगदान रहा है। विकसित देशों में चलने वाले टीकाकरण अभियान से भी अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने में बहुत मदद मिली है। हालाँकि विकासशील देशों और अल्प विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया पर कोरोना की दूसरी लहर का प्रतिकूल असर पड़ा है। विकासशील देशों में मुद्रास्फीति की दर में कुछ हद तक बढ़ोतरी हुई है।

बैंक के अनुसार घरेलू जीडीपी की दर में पिछले वित्त वर्ष में 7.3% की कमी देखी गई। वित्त वर्ष के अंतिम तिमाही में जीडीपी विकास की दर 1.6% रही। बैंक का मानना है कि भारत सरकार के मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष मॉनसून सामान्य रहेगा। इसका कृषि पर सकारात्मक असर पड़ेगा। वैसे बैंक के अनुसार अप्रैल महीने में कोरोना की लहर का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है, जिसकी वजह से दुपहिया वाहनों और ट्रैक्टर की बिक्री में गिरावट देखी गई। 

रिज़र्व बैंक के अनुसार एक सरल मुद्रा नीति के चलते अर्थव्यवस्था के सुचारु रूप से चलने की उम्मीद है। मुद्रास्फीति की दर भी घोषित लक्ष्य के आस-पास ही रहने की उम्मीद है। रेपो रेट में किसी तरह कमी न करने का फैसला भी मुद्रास्फीति की दर को नियंत्रण में रखने में सहायक होगा। हालाँकि तेल की बढ़ती कीमतों का परिवहन और सम्बंधित क्षेत्रों पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

बैंक के अनुसार कमॉडिटी, खासकर तेल के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में बढ़त की वजह से मुद्रास्फीति की दर ऊपर रहने का एक खतरा बना रहेगा। बैंक ने केंद्र और राज्य सरकारों को एक्साइज, कस्टम और सम्बंधित टैक्स को लेकर एक समन्वय बनाने की सलाह भी दी है। ऐसा करने से तेल की बढ़ती कीमतों से उद्योगों के लिए लगने वाले माल की कीमतों पर नियंत्रण करने में सुविधा होगी।

कुल मिलाकर रिज़र्व बैंक ने अपनी द्विमासिक मुद्रा नीति में अर्थव्यवस्था को लेकर एक आशावादी अनुमान दिया है। हाल ही में आए निर्यात के आँकड़े मजबूत रहे हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मॉनसून यदि सामान्य रहा और कोरोना की चल रही लहर को जल्द ही नियंत्रित किया जा सका तो भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर घरेलू और वैश्विक उत्साह बना रहेगा। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -