इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की उत्तराखंड इकाई ने राज्य में Covid-19 किट में पतंजलि की कोरोनिल टैबलेट को शामिल किए जाने के सुझाव पर आपत्ति दर्ज कराई है। इस मामले में IMA उत्तराखंड ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है।
The addition of Coronil with Allopathic drugs shall also amount to mixopathy (cocktail of Ayurveda and Allopathy), which is not permitted as per the rulings of the Supreme Court, and using it would be contempt: Indian Medical Association, Uttarakhand
— ANI (@ANI) June 5, 2021
ज्ञात हो कि बाबा रामदेव की पतंजलि ने उत्तराखंड में वितरित की जाने वाली Covid-19 किट में कोरोनिल टैबलेट को भी शामिल किए जाने का सुझाव दिया था। हालाँकि यह एक सुझाव मात्र था लेकिन IMA ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। IMA का कहना है कि पतंजलि की कोरोनिल टैबलेट न तो डबल्यूएचओ के द्वारा अप्रूव की गई है और न ही DCGI के द्वारा। इसके अलावा IMA ने कहा कि कोरोनिल को फूड सप्लीमेंट के तौर पर ही केंद्र सरकार के आयुष विभाग ने मंजूरी दी है न कि कोरोना वायरस संक्रमण की दवा के तौर पर।
IMA ने यह भी कहा कि आयुर्वेदिक कोरोनिल को एलोपैथिक दवाओं के साथ मिक्स करना मिक्सोपैथी कहलाएगा जो कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा प्रतिबंधित है। ऐसे में Covid-19 किट में कोरोनिल को शामिल किया जाना सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में गिना जाएगा।
इसके अलावा IMA ने नेशनल मेडिकल कमीशन की धारा 34 का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी किसी भी प्रकार की प्रक्रिया प्रतिबंधित है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में IMA के उत्तराखंड के राज्य सचिव डॉ. अजय खन्ना ने राज्य सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उचित कार्रवाई करने की माँग की है।
हालाँकि, IMA और बाबा रामदेव का यह विवाद सिर्फ कोरोनिल से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि यह तब शुरू हुआ जब बाबा रामदेव एक वायरल वीडियो में एलोपैथी की आलोचना करते हुए देखे गए। बाबा रामदेव ने उस वीडियो में कहा था कि एलोपैथी दवाओं के कारण ही कोरोना वायरस संक्रमण में कई मरीजों की जान गई। इसके बाद लगातार IMA, योगगुरु रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है।
बाबा रामदेव के खिलाफ 1000 करोड़ रुपए के मानहानि के नोटिस के अलावा IMA, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा लगाने की माँग भी कर चुका है।