लोकसभा चुनाव-2019 रविवार (मई 19) को सातवें चरण के मतदान के साथ 6 बजे तक सम्पन्न हो जाएगा। सातवें-चरण के मतदान में 7 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 543 में से शेष 59 निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं।
अभी से लोग मतदान के शाम 6 बजे के आसपास समाप्त होने का इंतज़ार कर रहे हैं। तमाम मीडिया ग्रुप एग्जिट पोल की तैयारी कर चुके हैं, सबका दावा है कि सबसे सही एग्जिट पोल उन्हीं का है। वैसे देखा जाए तो आज तक कभी भी किसी का एग्जिट पोल पूरी तरह से सही नहीं (एकाध मौकों को छोड़कर) हुआ है। आपको 2014 का एग्जिट पोल भी याद होगा, तब भी एक को छोड़ बाकी सभी बहुत बड़े पैमाने पर गलत साबित हुए थे, खैर इस बार भी, News18-IPSOS, India Today-Axis, Times Now-CNX, NewsX-Neta, Republic Bharat-Jan Ki Baat, Republic-CVoter, ABP-CSDS और Today’s Chanakya आज अपना-अपना एग्जिट पोल जारी करेंगे। 23 मई को चुनाव आयोग द्वारा अंतिम परिणाम घोषित किए जाने से पहले और 19 मई (रविवार) शाम 6 बजे के बाद से सब की अपनी-अपनी भविष्यवाणियाँ जारी होंगी। इस बार किसका एग्जिट पोल सही है, है तो कितना और किसका अंतिम परिणाम से बहुत दूर रहा, इसका पता भी 23 को काउंटिग के बाद ही चलेगा।
क्या होता है एक्जिट पोल
एग्जिट पोल मतदान केंद्रों से बाहर निकलने के तुरंत बाद मतदाताओं के सर्वेक्षण पर आधारित होता है। आमतौर पर, समाचार पत्रों और TV चैनलों के लिए काम करने वाली निजी सर्वेक्षण फर्म या संस्थाएँ मतदाताओं से पूछती हैं कि उन्होंने वास्तव में किसे वोट दिया और यह मानते हुए कि उन्हें सही उत्तर मिले हैं, वे परिणाम के रुझान की भविष्यवाणी करते हैं। एग्जिट पोल पर आधारित चुनावी भविष्यवाणियों ने पिछले एक दशक में टेलीविजन की पहुँच को भारत में डिजिटल समाचार पोर्टलों के बढ़ने के साथ काफी बढ़ा दिया है। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ऐसे एग्जिट पोल अक्सर फेल होते हैं, जिसकी बड़ी वजह है सैंपल साइज का छोटा होना और दूसरा जिनसे पूछा गया – उन्होंने कितना सही जवाब दिया। उदाहरण के लिए, 2014 में टुडे चाणक्य ने एनडीए के लिए 340 सीटें और भाजपा के लिए 291 का अनुमान लगाया था, जो लगभग सही परिणाम के करीब थे। इसके अलावा अन्य सभी एग्जिट पोल एकदम गलत साबित हुए थे।
यह जानना जरूरी है कि एग्जिट पोल पर चुनाव आयोग बेहद सख्त है। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के आधे घंटे बाद, अर्थात 19 मई को एग्जिट पोल का प्रसारण शाम 6 बजे के आसपास किया जा सकता है। चुनाव आयोग के द्वारा पहली बार, 2019 के लोकसभा चुनावों में, वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को भी कवर किया गया है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों में यह स्पष्ट है कि टीवी, रेडियो चैनल, केबल नेटवर्क, वेबसाइट या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रत्येक चरण के मतदान से पहले के 48 घंटे की अवधि के दौरान उनके द्वारा प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रमों की सामग्री में किसी भी पार्टी या उम्मीदवार की जीत की संभावना को बढ़ावा देने या कम करने के रूप में कोई भी विचार या अपील संबंधी सामग्री प्रसारित नहीं की जा सकती है।
खैर, कुछ ही घंटों में एग्जिट पोल आने वाले हैं, इसके बाद 23 मई तक तरह-तरह के एनालिसिस किए जाएँगे, कौन कितना सही या गलत है इसका पता तो अंतिम परिणाम के साथ ही चलेगा।