Monday, November 25, 2024
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‘असली वंडरवुमन यहाँ है’: हरलीन देओल ने 13 साल में घर छोड़ा, अब दुनिया फैन; सचिन बोले- कैच ऑफ द ईयर

आम आदमी हो चाहे केंद्र सरकार के मंत्री। महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा हों या उद्योगपति आनंद महिंद्रा। हर कोई हरलीन देओल के कैच का मुरीद है।

इंग्लैंड के साथ पहले टी-20 क्रिकेट मैच में भारत की महिला टीम की हरलीन देओल (Harleen Deol) ने बाउंड्री पर गजब का कैच पकड़ा। हरलीन के इस कैच का वीडियो सोशल मीडिया पर देखकर लोग उनके दीवाने हुए जा रहे हैं और उन्हें ‘सुपरवुमन’ कहा जा रहा है। 

हरलीन देओल (Harleen Deol) लॉन्ग ऑफ पर फील्डिंग कर रही थीं। इंग्लैंड की विकेटकीपर एमी जोंस स्ट्राइक पर थीं। शिखा पांडे ने उन्हें गेंद फेंकी। जोंस ने उसे डीप में खेला। जोंस समेत सभी ने सोचा कि उनका यह शॉट सीधा बाउंड्री के पार जाकर गिरेगा। होता भी यही, लेकिन हरलीन देओल ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उन्होंने कैच पकड़ने के लिए हवा में छलाँग लगा दी।

हरलीन और बाउंड्री रोप के बीच सिर्फ कुछ सेंटीमीटर का ही फासला था। हरलीन यह बात तुरंत भाँप गईं। हरलीन ने सोचा यदि गेंद नहीं छोड़ी तो छक्का हो जाएगा। बस फिर क्या था। हरलीन ने गेंद को हवा में बाउंड्री के अंदर की ओर उछाल दिया और खुद बाउंड्री के बाहर कूद गईं, लेकिन पल भर में ही फिर से बाउंड्री के अंदर हवा में गोता लगाते हुए बिल्कुल सुपरवुमन की तरह उड़ते हुए शानदार कैच पकड़ लिया।

यह देखते ही कि हरलीन ने न सिर्फ छक्का रोका, बल्कि एमी जोंस को पवेलियन की राह भी दिखा दी है, उन्हें बधाई देने के लिए पूरी टीम उनकी ओर दौड़ पड़ी। यहाँ तक कि इंग्लैंड का खेमा भी शॉक्ड था। हरलीन के प्रयासों के लिए डेनियल वॉट को भी उनकी सराहना करते हुए देखा गया।

हरलीन देओल ने शानदार कैच लपककर क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को भी अपना मुरीद बना लिया है। सचिन ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर हरलीन के कैच वाले वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, “यह एक शानदार कैच था हरलीन देओल। मेरे लिए यकीनन यह कैच ऑफ द ईयर है!”

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने भी हरलीन के कैच को सराहा है।

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी इस कैच की तारीफ की है।

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कैच वाला वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “यह अब तक के सर्वश्रेष्ठ फील्डिंग मोमेंट्स में से एक है! वाकई अविश्वसनीय #हरलीन देओल !!”

महिंद्रा ग्रुप के चैयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी हरलीन के इस कैच पर ट्वीट किया, “नहीं। संभव नहीं। नहीं हो सकता था। कुछ स्पेशल इफेक्ट ट्रिक होनी चाहिए। क्या यह असली था? ठीक है, गैल गैडोट को हटाओ, असली वंडरवुमन यहाँ है…।”

इंग्लैंड के खिलाफ बारिश से प्रभावित पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भारतीय महिला क्रिकेट टीम को भले ही 18 रन से हार झेलनी पड़ी हो, लेकिन हरलीन देओल की फील्डिंग ने सभी का मन मोह लिया। 

डकवर्थ लुइस नियम के कारण इंग्लैंड की जीत

इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 177 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 8.4 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 54 रन बना चुकी थी, लेकिन बारिश ने मैच में खलल डाल दिया। लगातार बारिश के कारण खेल आगे नहीं बढ़ पाया और इंग्लैंड को डकवर्थ लुइस नियम के तहत 18 रन से विजेता घोषित कर दिया।

भारत की तरफ से ओपनिंग करने आई शेफाली वर्मा इस मुकाबले में कोई कमाल नहीं दिखा पाई और बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गईं। कैथरीन ब्रंट ने उन्हें शिकार बनाया। स्मृति मंधाना 29 रन बनाकर आउट हो गईं। इसके बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी निराश किया और वह महज 1 रन बनाकर आउट हो गईं।

13 साल में छोड़ दिया था घर

हरलीन देओल का क्रिकेट का सफर बहुत आसान नहीं रहा है। इस खिलाड़ी ने करियर बनाने के लिए महज 13 साल की उम्र में अपने परिवार और घर को छोड़ दिया था। क्रिकेट की दुनिया में नाम कमाने के लिए हरलीन चंडीगढ़ छोड़ हिमाचल प्रदेश में आ बसीं।

2019 में पहली बार भारतीय क्रिकेट टीम में चुने जाने पर हरलीन ने कहा था कि उन्होंने यहाँ तक पहुँचने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की है। राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना उनका लक्ष्य रहा है जब से उन्होंने क्रिकेट को गंभीरता से लेने के लिए पंजाब में अपना घर छोड़ दिया और हिमाचल प्रदेश में बस गईं।

13 साल की उम्र में अपने माता-पिता को पीछे छोड़कर एक नए शहर में शिफ्ट होना हरलीन देओल के लिए आसान नहीं था, लेकिन हरलीन ने चुनौती स्वीकार की और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की अंडर-19 आवासीय अकादमी में अपना नाम दर्ज करा लिया।

हरलीन पढ़ाई में भी अव्‍वल रही है। 10वीं और 12वीं में उनके 80 फीसदी अंक थे। इसके अलावा हरलीन एक अच्‍छी एक्‍टर भी हैं। हरलीन के बड़े भाई डेंटिस्‍ट हैं। 22 साल की यह स्‍टार खिलाड़ी क्रिकेट के अलावा हॉकी, फुटबॉल, बास्‍केटबॉल भी खेलती थी। स्‍कूल समय में बेस्‍ट एथलीट भी रही हैं। हरलीन ने हिमाचल के लिए स्टेट और नेशनल लेवल पर 85 मेडल जीते हैं। उनकी माँ ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब हरलीन लड़कों के साथ खेलती थी तो आस-पास के लोग ताने मारा करते थे। लोग उसे खेल में भेजने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन वही लोग आज उन्हें बधाई देते हैं। हरलीन ने 3 साल की उम्र से ही खेलना शुरू कर दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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