Monday, December 23, 2024
Homeराजनीतिअसम: सिर्फ 2 महीने में 15 अपराधी एनकाउंटर में ढेर, CM हिमंत बिस्व सरमा...

असम: सिर्फ 2 महीने में 15 अपराधी एनकाउंटर में ढेर, CM हिमंत बिस्व सरमा ने कहा- ‘कड़ी कार्रवाई के लिए पुलिस स्वतंत्र’

"मेरी सरकार अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगी। मेरा स्पष्ट निर्देश (पुलिस को) है कि कानून तोड़ना नहीं है, लेकिन कानून के भीतर रह कर आप कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हैं तो भी असम सरकार आपकी रक्षा करेगी।"

असम पुलिस द्वारा अपराधियों के एनकाउंटर की हो रही आलोचना और विपक्ष के हमलों का मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने जवाब दिया है। उन्होंने गुरुवार (15 जुलाई 2021) को विधानसभा में पुलिस का बचाव करते हुए स्पष्ट संदेश दिया कि कानून के दायरे में रहकर पुलिस को अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की पूरी आजादी है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया द्वारा मुठभेड़ों पर उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए सरमा ने विधायकों से यह संदेश देने की अपील की कि सदन किसी भी तरह के अपराधों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सदन के नेता के तौर पर वो पुलिस को उसके कार्यों, खास तौर पर उनके कार्यकाल में किए गए काम के लिए बधाई देते हैं।

सीएम सरमा ने डीजीपी को संबोधित करते हुए कहा, “मैं डीजीपी से कहना चाहता हूँ कि निर्दोष लोगों पर अत्याचार न करें। जब तक आप कानून के मुताबिक काम करते रहेंगे, आपको किसी भी अभियान के चलाने की पूरी स्वतंत्रता होगी।”

सदन को मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने बताया कि बीते दो महीने में मुठभेड़ के दौरान कुल 15 अपराधियों की मौत हुई है। जबकि हिरासत के दौरान 23 लोगों घायल हुए, इनमें से 5 लोगों की मौत हुई है, जिन्होंने हिरासत के दौरान पुलिस के हथियार छीनकर भागने की कोशिश की थी। इसके अलावा 10 उग्रवादियों का एनकाउंटर किया गया।

सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने कहा, “मेरी सरकार अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगी और मैं किसी भी तरह की आलोचना का सामना करने के लिए तैयार हूँ। मेरा स्पष्ट निर्देश (पुलिस को) है कि कानून तोड़ना नहीं है, लेकिन कानून के भीतर रहकर आप कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हैं तो भी असम सरकार आपकी रक्षा करेगी।”

उन्होंने आगे कहा, “2 महीने में मवेशियों की तस्करी में शामिल 504 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की फायरिंग के दौरान केवल चार घायल हुए। सभी का पुलिस ने अच्छे से अच्छा इलाज करवाय़ा है।” आलोचना को लेकर भाजपा नेता ने कहा कि सहानुभूति अच्छी बात है, लेकिन गलत सहानुभूति बहुत ही खतरनाक है।

गौरतलब है कि असम मानवाधिकार आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर इस पुलिस एनकाउंटर के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। 7 जुलाई 2021 को राज्य मानवाधिकार आय़ोग ने राज्य सरकार से उन परिस्थितियों की जाँच करने को कहा था, जिनके कारण आरोपितों की पुलिस फायरिंग में मौत हुई या फिर वो घायल हुए था। एएचआरसी के सदस्य नबा कमल बोरा ने बताया, “समाचार रिपोर्ट्स के अनुसार सभी आरोपित हिरासत में थे और हथकड़ी में थे, इसलिए हमें यह जानने की जरूरत है कि क्या हुआ था।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -