उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में कनेक्टिविटी को लेकर काफी काम हो रहा है। सड़क के साथ ही अब एयर कनेक्टिविटी में प्रदेश का दायरा काफी बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश देश का इकलौता राज्य बनने की ओर है, जहाँ पर पाँच इंटरनेशनल एयरपोर्ट संचालित होंगे।
उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा हवाई सेवाओं वाला राज्य बनने की ओर अग्रसर है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब राज्य में हवाई सेवाओं के चौतरफा विस्तार की गति तेज कर दी है। लखनऊ के साथ ही वाराणसी में इंटरनेशनल फ्लाइट्स का संचालन जारी है। कुशीनगर के भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए डीजीसीए का लाइसेंस मिल गया है। इस तरह से कुशीनगर यूपी का तीसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो जाएगा। इसके बाद राम नगरी अयोध्या और गौतमबुद्ध नगर के जेवर में भी इंटरनेशल एयरपोर्ट का निर्माण जारी है।
‘नए उत्तर प्रदेश की नई उड़ान’… जेवर, गौतमबुद्ध नगर के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संबंध में… https://t.co/MhaOpc41ga
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 17, 2021
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेवर इंटरनेशनल एयपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “कोरोना महामारी के बावजूद जेवर एयरपोर्ट का कार्य समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के विकास की दृष्टि से यह एयरपोर्ट न केवल प्रदेशवासियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप एयर कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।”
उन्होंने बताया कि 2017 तक उत्तर प्रदेश के अंदर मात्र 4 एयरपोर्ट फंक्शन में थे। उनमें भी ईमानदारी से दो में ही वायु सेवा चल पाती थी। एक प्रदेश की राजधानी लखनऊ और दूसरा वाराणसी। गोरखपुर में एक फ्लाइट कभी-कभी आती थी और यही स्थिति आगरा की भी थी, लेकिन आज प्रदेश के अंदर 8 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं।
सीएम ने कहा, “2017 से पहले हम लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और आगरा से केवल 25 गंतव्य तक की वायुसेवा प्रदान कर पाते थे। आज ये वायुसेवा लगभग तीन गुना बढ़ चुकी है। 71 गंतव्यों तक ये वायुसेवा तेजी के साथ आगे बढ़ी है और हमारे 8 एयरपोर्ट क्रियाशील हो चुके हैं। कुशीनगर एयरपोर्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है। यह एयरपोर्ट अंतररष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपलब्ध है।”
जेवर एयरपोर्ट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक सपना की तरह है। सीएम योगी ने कहा, “जेवर एयरपोर्ट प्रदेश के भविष्य की तमाम संभावनाओं को आगे बढ़ाने का एक बेहतरीन माध्यम है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह एयरपोर्ट वर्ष 2024 तक उत्तर प्रदेश की 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के संकल्पों को एक नई उड़ान देने का बेहतरीन डेस्टिनेशन बनेगा।” इस दौरान उन्होंने जेवर एयरपोर्ट के अंतर्गत आने वाले उन किसानों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने स्थानीय प्रशासन के साथ मिल कर भूमि अधिग्रहण में मदद की।
बता दें कि एयरपोर्ट के पहले चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण के साथ इसको खाली कराने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। नागरिक उड्डयन विभाग के नाम मौजूद यह जमीन अब नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के नाम ट्रांसफर की जाएगी। इसके बाद यह जमीन ज्यूरिख एयरपोर्ट की सब्सिडरी कंपनी यमुना इंटरनैशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर देगी।