Sunday, December 22, 2024
Homeवीडियोहिंदूफोबिया से सनी खबरेंजहाँ से इस्लाम शुरू, नारीवाद वहीं पर खत्म... डर और मौत भला 'चॉइस' कैसे:...

जहाँ से इस्लाम शुरू, नारीवाद वहीं पर खत्म… डर और मौत भला ‘चॉइस’ कैसे: नितिन गुप्ता (रिवाल्डो)

जबरन धर्मांतरण को लेकर कहा जाता है कि लड़कियाँ निकाह के बाद अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करती हैं। जबकि निकाह ही जबरदस्ती (माँ-बाप की मौत, गंदे फोटो-वीडियो से ब्लैकमेल) किया जाता है, इसे आप 'चॉइस' कहेंगे?

हिंदू लड़कियों के साथ हो रहे जबरन धर्मांतरण में सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस मुद्दे पर नारीवादी चुप हैं और यह बिलकुल भी आश्चर्यजनक नहीं है। क्योंकि हिंदुस्तान में नारीवाद वहीं पर खत्म हो जाता है, जहाँ से इस्लाम शुरू होता है। ये तीन तलाक, निकाह, हलाला पर चुप रहती हैं। तृप्ति देसाई सबरीमाला चली जाती हैं, लेकिन हाजी अली में नहीं घुसती हैं।

हैरत की बात ये है कि जिस चीज का ये लोग डर से बुराई नहीं कर पाते हैं, उसे ये ‘चॉइस’ कह देते हैं। ईरान में सिर न ढँकने पर जेल की सजा है और इसे चॉइस बोला जा रहा है। जबरन धर्मांतरण को लेकर कहा जा रहा है कि लड़कियाँ निकाह के बाद अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करती हैं। कई मामलों में तो निकाह ही जबरदस्ती किया जाता है और फिर परिवार को मारने की धमकी देकर धर्म परिवर्तन करवाया जाता है। इसे आप ‘चॉइस’ कहेंगे? जब इंसान के पास दूसरा विकल्प माँ-बाप की मौत होगी, तो वह क्या चुनेगा? उसे ‘चॉइस’ नहीं कहते।

पूरी वीडियो को इस लिंक पर क्लिक करके देखें।

नोट: यह एक सीरीज है, इस सीरीज का यह तीसरा वीडियो है। इसी सब्जेक्ट (हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन) पर और भी वीडियो आप हमारे यूट्यूब चैनल पर आगे देख पाएँगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -