Sunday, September 8, 2024
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चिकन और फ्राइड राइस के ज़रिए चीन सुधारेगा अपनी आर्थिक मंदी

अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक विवाद चीन की अर्थव्यवस्था को इस हद तक हानि पहुँचाएगा इसका चीन को अंदेशा नहीं था।

चीन और अमरीका के बीच व्यापारिक विवाद आज भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसकी वजह से चीन की आर्थिक स्थिति ख़राब होने की कग़ार पर है। ख़राब आर्थिक स्थिति का असर चीन के रोज़गार पर भी पड़ा है, नतीजतन चीन को अपने आर्थिक संकट को दूर करने के लिए तरह-तरह के तरीक़े अख़्तियार करने पड़ रहे हैं।

बता दें कि वर्ष 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद चीन इस समय अपने सबसे बुरे दौर में है। इस बुरे दौर से निपटने के लिए चीन रेस्तरांओं को देर तक खोले रखने को मज़बूर है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग रेस्तरांओं में आएँ और फ्राइड राइस और चिकन का सेवन करें। इससे ग्राहकों की आवक बढ़ेगी और आमदनी में कुछ इज़ाफ़ा हो सकेगा। इस तरीक़े से चीन अपनी सुस्त आर्थिक स्थिति को गति देने की कोशिश में है।

चीन रेस्तरांओं को देर तक खोलने के लिए अलावा भी अन्य तरक़ीबों को अमल में लाने की कोशिश कर रहा है। चीन की नज़र में फ़िलहाल इतना है कि कैसे देश में रोज़गार को सृजित किया जा सके। जानकारी के अनुसार, चीन अपने यहाँ के चिकन और फ्राइड राइस को और बेहतर बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है। इस कोशिश में बड़ी संख्या में शेफ़ को प्रशिक्षण देना भी शामिल है। ज़ाहिर सी बात है यदि अधिक प्रशिक्षित लोग होंगे तो कार्य क्षमता भी अधिक  होगी जिसका असर निश्चित तौर पर रोज़गार पर पड़ेगा।

हॉन्गकॉन्ग की सीमा से जुड़ा गुआंगडोंग क्षेत्र चीन की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में विख्यात है। चीन का यह प्रयास है कि यहाँ पर अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित कर रोज़गार की स्थिति को बेहतर किया जाए। चीन द्वारा ऐसी पहल से एक तरफ तो लोगों को रोज़गार मुहैया हो सकेगा और दूसरी तरफ चीन अपनी बिगड़ी आर्थिक स्थिति को पटरी पर ला सकेगा। चीन द्वारा 2022 तक लगभग तीन लाख रोज़गार सृजन करने का लक्ष्य रखा गया है।

अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक विवाद चीन की अर्थव्यवस्था को इस हद तक हानि पहुँचाएगा इसका चीन को अंदेशा नहीं था। आपको बता दें कि चीन के निर्यात में पिछले वर्ष दिसंबर में काफ़ी गिरावट आई थी। जिसकी वजह अमरीका से चीन का व्यापारिक विवाद था। इस विवाद के चलते चीन के आयात और निर्यात दोनों में ही बहुत ख़राब प्रदर्शन रहा। इसी ख़राब प्रदर्शन के चलते फ़िलहाल चीन की अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर में है। आर्थिक मंदी के इस आलम में चीन की चिंताएँ थमने का नाम नहीं ले रही हैं, जिसके लिए चीन रोज़गार को बढ़ाने की दिशा में अग्रसर है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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