भारत-चीन के बीच लगभग डेढ़-दो वर्षों से चल रहे विवाद के बाद अब कुछ सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। खबर है कि पूर्वी लद्दाख के गोगरा इलाके में डिसइंगेजमेन्ट को अंजाम दिया गया है, जिसके बाद चीन अपने सैनिकों को वापस बुलाते हुए पुरानी स्थिति पर लौट गया है। दोनों देशों द्वारा बनाए गए अस्थायी निर्माण और संबंधित आधारभूत संरचना को भी नष्ट कर दिया गया है।
भारतीय सेना की ओर से इस संबंध में बयान जारी किया गया है। सेना ने बताया कि कॉर्प्स कमांडर स्तर की बातचीत के बाद दोनों देशों द्वारा यह समझौता किया गया कि पूर्वी लद्दाख के PP-17 पॉइंट से व्यवस्थित और संयोजित तरीके से तैनात सैनिकों को वापस बुलाया जाएगा। इसके साथ ही वहाँ बनाए गए अस्थायी ढाँचों को भी नष्ट किया जाएगा और दोनों देशों की वही स्थिति होगी जो टकराव के पहले थी। सेना ने जानकारी दी कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते के बाद 04-05 अगस्त 2021 से ही डिसइंगेजमेन्ट की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और दोनों सेनाएं अपने परमानेंट बेस पर हैं।
All temporary structures and other allied infrastructure created in the area by both sides have been dismantled and mutually verified. The landform in the area has been restored by both sides to pre-stand off period: Indian Army
— ANI (@ANI) August 6, 2021
भारतीय सेना के द्वारा यह जानकारी भी दी गई है कि समझौते के अंतर्गत इस क्षेत्र में LAC पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और दोनों ही पक्षों द्वारा इसका सम्मान किया जाएगा। सेना ने संतुष्टि जताते हुए कहा कि इस डिसइंगेजमेन्ट के साथ एक और सीमा विवाद का मुद्दा हल हो जाएगा और समझौते के अंतर्गत दोनों ही पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र की LAC समेत दूसरे शेष बचे मुद्दों को सुलझाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है।
With this one more sensitive area of face-off has been resolved. Both sides have expressed commitment to take the talks forward and resolve the remaining issues along the LAC in the Western Sector: Indian Army
— ANI (@ANI) August 6, 2021
ज्ञात हो कि पिछले साल जून में हुई हिंसक सैन्य झड़प के बाद से कई बार दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर बैठकें हुईं, लेकिन बहुत ही कम ऐसे अवसर आए जब इन बैठकों का कोई हल सामने आया हो। इसका प्रमुख कारण था चीन का अड़ियल रवैया, लेकिन भारत भी अपनी सम्प्रभुता के लिए अडिग रहा और इसका परिणाम हुआ कि फरवरी में पैंगॉन्ग झील के किनारों से चीन को पीछे हटना पड़ा।
हाल ही में दोनों देशों के बीच साढ़े तीन महीने के बाद चीनी अधिकार क्षेत्र के इलाके मोल्डो में 12वें दौर की बातचीत हुई, जिसमें देपसांग, गोगरा और हॉट स्प्रिंग में संतुलित स्थिति का मुद्दा उठाया गया। जुलाई महीने में ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) के सम्मेलन से अलग भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी, जिसमें पूर्वी लद्दाख में शांति बहाली और सैन्य विवाद के निपटारे पर भी चर्चा की गई थी।