पाकिस्तान के संघार जिले के किप्रो क्षेत्र में एक हिन्दू मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमाएँ विखंडित कर दी गईं। ये घटना सोमवार (30 अगस्त, 2021) को जन्माष्टमी के दिन हुई। एक स्थानीय महिला से जब पूछा गया कि भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमाएँ किसने तोड़ी हैं, तो उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस घटना को अंजाम दिया है। महिला से ये भी पूछा गया कि क्या वो उन पुलिसवालों को पहचान सकती हैं?
वीडियो में देखा जा सकता है कि रिपोर्टर के इस सवाल पर महिला ने सिंधी भाषा में बोलते हुए कहा कि मंदिर में घुस कर देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ तोड़ने वाले पुलिसकर्मी ‘मुल्ले’ थे, जिनमें से एक गंजा था और एक ने लंबी दाढ़ी रखी हुई थी। हिन्दुओं ने वीडियो के जरिए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश से गुहार लगाई कि वो इस मामले में कार्रवाई करें, अन्यथा उन लोगों को भी मार डाला जा सकता है। इलाके के हिन्दू भयभीत हैं।
दरअसल, जन्माष्टमी के दिन हिंदू समुदाय के लोग अपने त्योहार कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा कर रहे थे, जिससे मुस्लिम कट्टरपंथी भड़क गए। कुछ देर बाद ही कट्टरपंथियों की भीड़ पूजा स्थल पर गई और उन्होंने कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा कर रहे लोगों को मारपीट कर वहाँ से भगा दिया। इसके बाद उन्होंने भगवान कृष्ण के मूर्ति को भी क्षतिग्रस्त किया। सोशल मीडिया पर इस घटना की तस्वीरें शेयर की जा रही हैं।
पाकिस्तानी एक्टिविस्ट और वकील राहत ऑस्टिन ने ट्वीट कर बताया, ”सिंध के खिप्रो में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई है। हिंदू भगवान का अपमान किया गया है, क्योंकि वे भगवान कृष्ण का जन्मदिन (जन्माष्टमी) मना रहे थे। पाकिस्तान में इस्लाम के खिलाफ ईशनिंदा के झूठे आरोप में भी मॉब लिंचिंग या मौत की सजा दी जाती है, लेकिन गैर-मुस्लिम देवताओं के खिलाफ अपराध में कोई सजा नहीं होती है।”
Local Hindu woman who is also an eyewitness to the Islamist mob attacking a Hindu temple and breaking Lord Krishna statue gives details of the brutal act as the Pakistan Government turned the other way. Minority Hindu temples have been regularly attacked and gutted in Pakistan. pic.twitter.com/7Ga7cIYH88
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) August 30, 2021
इसी महीने के शुरुआत की बात है, जब पाकिस्तान के रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में सैकड़ों लोगों ने मिल कर एक हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़ मचाई थी। लाहौर से 590 किलोमीटर की दूरी पर हुई घटना में कट्टरपंथियों ने लाठी-डंडों व बाँस लेकर हमला किया। मंदिर के एक हिस्से को जला भी दिया गया था। लेकिन, तमाम घटनाओं के बावजूद अब तक पाकिस्तान में हिन्दू मंदिरों पर हमले की घटनाएँ रुकी नहीं हैं।