यूनाइटेड किंगडम (UK) में कई पेट्रोल व डीजल स्टेशन ईंधन की भारी कमी से जूझ रहे हैं, क्योंकि लोग ज्यादा से ज्यादा मात्रा में खरीद कर घर में रख रहे हैं। ‘पैनिक बाइंग’ की वजह से वहाँ के पेट्रोल पम्पों पर अफरातफरी मची हुई है। वहाँ के पेट्रोल पम्पों पर गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें देखी जा रही हैं। कई गैस स्टेशनों पर भी वही हाल है। दिन पर लाइन में लगने के बाद भी लोगों को ईंधन नहीं मिल पा रहा।
राजधानी लंदन में तो रविवार (26 सितंबर, 2021) को तो ईंधन के लिए मारपीट तक हो गई, जिसे शांत कराने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। पुलिस ने बताया है कि एक व्यक्ति को मारपीट के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ‘पेट्रोल रिटेलर्स एसोसिएशन’ ने जानकारी दी है कि सोमवार को लगभग 90% ईंधन स्टेशनों पर पेट्रोल-डीजल व गैस की भारी कमी रही। कहीं-कहीं 50% माल ही उपलब्ध रहा।
कहीं-कहीं तो स्थिति ऐसी हो गई कि वहाँ का 90% ईंधन ख़त्म हो गया और कहीं तो कुछ भी नहीं बचा। बता दें कि PRA नाम का ये संगठन यूके में 65% ईंधन स्टेशनों का प्रतिनिधिमंडल है। ‘ब्रिटिश पेट्रोलियम’ ने भी कहा है कि उसके दो तिहाई पेट्रोल पंप सूखे से गुजर रहे हैं। हालाँकि, सरकार का कहना है कि देश में पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है। ट्रांसपोर्ट मंत्री ग्रांट शप्पस का कहना है कि देश में पर्याप्त मात्रा में ईंधन मौजूद है।
लेकिन, असली समस्या ये है कि स्टोरेज यूनिट से पेट्रोल पम्पों तक ईंधन को ले जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में ट्रक ड्राइवर ही उपलब्ध नहीं हैं। कोरोना वायरस संक्रमण सहित कई कारणों से यूके में ट्रक ड्राइवरों की भारी कमी हो गई है। ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से निकलने के बाद वहाँ से कई कामगार बाहर चले गए। ब्रिटेन के कामगारों की औसत उम्र बढ़ती जा रही है। यूके में काम के लिए सही माहौल न मिलने के कारण भी ऐसा हो रहा है।
अब जब क्रिसमस भी आने वाला है, ऐसे में खाद्य पदार्थों के दाम पर इसका असर देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन एक योजना पर काम कर रहे हैं, जिसके बाद यूके की सेना को पेट्रोल स्टेशनों पर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई करने के लिए लगाया जा सकता है। वहाँ की सरकार का कहना है कि ये कमी ‘पैनिक बाइंग’ की वजह से आई है। 5000 ट्रक ड्राइवरों को 3 महीने के अस्थायी वीजा की भी पेशकश की गई है।
BREAKING:
— Jim Pickard (@PickardJE) September 26, 2021
an estimated 50-85% of UK petrol stations (outside of the motorway network) have run out of fuel after Britons engaged in panic buying over the weekendhttps://t.co/Iqc2r1Vbm8
लेकिन, औद्योगिक संगठनों का कहना है कि शॉर्ट टर्म के लिए ही ये योजना काम आएगी। रिटेलर्स से लेकर सामानों की डिलीवरी के लिए क्रिसमस व नए साल के दौरान बड़ी समस्या आ सकती है, अगर कामगारों की कमी की समस्या को दूर नहीं किया गया तो। लोगों का पूछना है कि 5000 वीजा से 1 लाख की कमी कैसे पूरी होगी? ब्रिटेन की सरकार इसे बनावटी समस्या बताते हुए कह रही है कि सब यूनियनों की साजिश है।
यूके के पर्यावरण मंत्री जॉर्ज एसटीस का कहना है कि ये एक बड़ी समस्या नहीं है और दिक्कतें इसीलिए आ रही हैं क्योंकि लोग बिना ज़रूरत के पेट्रोल-डीजल की खरीददारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब ये लोग अपने-अपने कार में तेल भर लेंगे तो स्थिति शांत हो जाएगी। ब्रिटेन ने फ्यूल सेक्टर को राहत भी दी है। कई कंपनियों ने बयान जारी कर इसे ‘माँग में अस्थायी वृद्धि’ बताते हुए कहा कि ये राष्ट्रीय समस्या नहीं है।