उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित तपस्वी छावनी के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने बुधवार (29 सितंबर 2021) को भारत सरकार से देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की माँग की। इसके लिए उन्होंने 2 अक्टूबर 2021 की डेडलाइन दी है। उन्होंने कहा, “मेरी माँग है कि 2 अक्टूबर तक भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ घोषित कर दिया जाए, नहीं तो मैं 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी की जयंती पर दोपहर 12 बजे सरयू नदी में जल समाधि ले लूँगा।” साथ ही उन्होंने मोदी सरकार से मुस्लिमों और ईसाइयों की राष्ट्रीयता समाप्त करने की माँग भी की है।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया तो संविधान, अदालतें, मानवता और भारतीय संस्कृति सभी ठीक उसी तरह से खत्म हो जाएँगे, जैसे कभी भारत का हिस्सा रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश आदि देशों में हुआ है।” उन्होंने कहा कि हिंदुओं के लिए भारत ही एकमात्र राष्ट्र बचा है और अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया तो हिंदुओं का अस्तित्व ही मिट जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो हिंदुओं के साथ सनातन धर्म का भी अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, इसलिए केंद्र सरकार से राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की माँग की है।
संत का कहना है कि केंद्र सरकार को धारा 368 के तहत संविधान में संशोधन कर मुस्लिमों और ईसाइयों से वोट देने का अधिकार छीन लेना चाहिए। उन्होंने कहा, “मोदी जी बहुत बड़े-बड़े काम कर रहे हैं तो भाजपा के पास संविधान में संशोधन करने और भारत को एक हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए धारा 368 का उपयोग करने की शक्ति भी है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हिंदुओं को पूरे देश में वैसे ही मारा जाएगा जैसे पश्चिम बंगाल में लाखों हिंदुओं की हत्याएँ की जा रही हैं।”
परमहंस आचार्य ने कहा, “अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया तो 4 बीवियाँ और 40 बच्चे पैदा करने वाले ये लोग पूरे देश में वही करेंगे, जो कश्मीर में हुआ था। कहाँ जाएँगे हिंदू? साधु परंपरा के अनुरूप मैंने खुद के कफन की पूजा कर ली है। अब अगर सरकार भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं करती है, तो मैं इस कफन को पहनकर 2 अक्टूबर को जल समाधि ले लूँगा।” उन्होंने ये भी बताया कि एकअक्टूबर को अयोध्या में हिंदू संगठन ‘हिंदू सनातन धर्म संसद’ का आयोजन कर रहे हैं। संत ने ये भी कहा, “सरकार को भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना होगा। यह या तो मेरे जीते जी होगा या फिर मरने के बाद होगा। लेकिन यह होने वाला है।”
इससे पहले परमहंस आचार्य इसी मुद्दे पर 15 दिन के आमरण अनशन पर चले गए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद उन्होंने अनशन तोड़ा था। अयोध्या के संत समुदाय ने घोषणा की है कि वे जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज की माँग का समर्थन करने के लिए ‘हिंदू सनातन धर्म संसद’ आयोजित करेंगे।