Sunday, September 8, 2024
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PM मोदी ने लॉन्च किया जल जीवन मिशन ऐप, कहा- जो काम 70 सालों में नहीं हुआ उसे 2 साल में पूरा किया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पानी को हमें प्रसाद की तरह इस्तेमाल करना होगा और अपनी आदतों को बदलना होगा। किसानों को भी कम पानी वाली फसलों पर जोर देना चाहिए।"

तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के बीच जल संरक्षण और जलापूर्ति बड़ी समस्या बनकर उभरा है। इसी को ध्यान में रखते हुए महात्मा गाँधी की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (2 अक्टूबर 2021) को ‘जल जीवन मिशन ऐप‘ और जल जीवन कोष लॉन्च किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, मणिपुर और गुजरात सहित देश के पाँच राज्यों में जल जीवन मिशन का लाभ पाने वाले लोगों से भी वर्चुअली बातचीत की।

क्या है जल जीवन मिशन ऐप?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन की घोषणा की गई थी। इसके तहत हर घर में जल पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मौजूदा समय में ग्रामीण इलाकों में केवल 17 फीसदी आबादी तक ही पानी की सप्लाई की पहुँच है। ऐसे में यह ऐप जल जीवन मिशन से जुड़ी सभी जानकारियाँ लोगों को उपलब्ध कराएगा। इसके जरिये देशवासी अपने यहाँ के पानी की शुद्धता पर नजर रख सकेंगे। इसके अलावा, वाटर सप्लाई टीमों का विवरण तक सब कुछ इस ऐप पर उपलब्ध होगा।

प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण की दिशा में काम करने वाली पानी समितियों और ग्राम पंचायतों से भी बातचीत की। उन्होंने अपने संबोधन में महात्मा गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद किया और कहा, “मुझे खुशी है कि आज के दिन देश भर के लाखों गाँवों के लोग ग्राम सभा के तौर पर जल जीवन पर संवाद कर रहे हैं।” पीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन केवल लोगों तक पहुँचाने तक ही सीमित नहीं है। यह विकेंद्रीकरण व महिला विकेंद्रीकरण का बड़ा जन आंदोलन है।

प्रधानमंत्री के एक कोट को साझा किया औऱ कहा कि गाँधी जी कहते थे ‘ग्राम स्वराज का सही अर्थ आत्मबल से परिपूर्ण होना है।’ मेरी कोशिश है कि ग्राम स्वराज की ये सोच वास्तविकता की ओर आगे बढ़े। आगे प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने कई फिल्में देखीं हैं, कहानियाँ पढ़ी हैं, जिनमें महिलाएँ मीलों दूर से पानी ढोती हैं। बहुत कम लोगों ने ये सोचा होगा कि ऐसा क्यों है। मैं मानता हूँ कि जिन लोगों पर लंबे समय से नीतियाँ बनाने की जिम्मेदारी थी, उन्हें ये सवाल खुद से जरूर पूछना चाहिए था।”

उन्होंने ये भी कहा कि जल जीवन मिशन के तहत बनने वाली जल समितियों में महिलाओं की भागीदारी 50 फीसदी यानि कि आधी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पानी को हमें प्रसाद की तरह इस्तेमाल करना होगा और अपनी आदतों को बदलना होगा। किसानों को भी कम पानी वाली फसलों पर जोर देना चाहिए।” पीएम ने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो काम बीते 70 साल में नहीं किया गया वो दो साल में हमने करके दिखाया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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