पंजाब के बाद अब छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस में भी कलह की बात सामने आ रही है। भूपेश बघेल ने कृषि छीने जाने के डर से दिल्ली में आलाकमान के समक्ष लॉबिंग शुरू कर दी है। उनके समर्थन में 20 विधायक दिल्ली डेरा डाले हुए हैं। भूपेश बघेल के इस शक्ति-प्रदर्शन के सकारात्मक परिणाम आते हैं या नकारात्मक, ये देखने वाली बात है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बयानों से सस्पेंस और गहरा रहा है।
टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच ढाई-ढाई साल के लिए सीएम बनाने का समझौता हुआ था, ऐसा विपक्षी भाजपा का भी दावा है। लेकिन, बघेल अब कुर्सी खाली करने के लिए तैयार नहीं। अब भूपेश बघेल कह रहे हैं कि विधायकों के दौरे को राजनीतिक चश्मे से न देखा जाए, क्योंकि वो कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं और उनके आने-जाने पर कोई रोक नहीं है। इन विधायकों ने शनिवार (2 अक्टूबर, 2021) को गाँधी जयंती के अवसर पर राजघाट जाकर महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि भी दी।
बघेल ने कहा, “यह कोई राजनीतिक घटनाक्रम नहीं है। वे दिल्ली का दौरा करेंगे और फिर लौट आएँगे।” माना जा रहा है कि पंजाब में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद भूपेश बघेल भी घबराए हुए हैं और इसीलिए वो अपनी कुर्सी बचाना चाहते हैं। आदिवासी विधायक बृहस्पत सिंह भी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और नेतृत्व परिवर्तन की बातों को नकार रहे हैं। बृहस्पत सिंह ने हाल ही में टीएस सिंहदेव पर हमला करवाने का आरोप लगाया था।
Chief Minister #BhupeshBaghel says 'not a political movement' as close to 20 MLAs visit New Delhi#Chhattisgarh #Congress https://t.co/UE51J2TELE
— News9 (@News9Tweets) October 3, 2021
रामानुजगंज सीट से पार्टी विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा, “हम यहाँ छत्तीसगढ़ के AICC प्रभारी पीएल पुनिया से मिलने आए हैं। उनका इंतजार कर रहे हैं। हम यह बताना चाहते हैं कि राहुल गाँधी को अपने प्रस्तावित दौरे की अवधि राज्य में बढ़ानी चाहिए, ताकि सभी विधायक इसका लाभ उठा सकें।” जबकि पीएल पुनिया लखनऊ में हैं और कह रहे हैं कि उनसे न किसी ने इस बाबत संपर्क किया है और न ही विधायकों के दिल्ली में होने की उन्हें कोई जानकारी है।
हाल ही में कॉन्ग्रेस पार्टी ने ने अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए भूपेश बघेल को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त कर के उन्हें नई जिम्मेदारी दी है। उनके समर्थन मान रहे हैं कि ये सीएम पर आलाकमान के भरोसे का परिचायक है। बघेल कह चुके हैं कि छत्तीसगढ़ कभी पंजाब नहीं बन सकता। जून 2021 में ही बघेल ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। अगस्त में उन्हें और टीएस सिंहदेव को दिल्ली भी बुलाया गया था।