मानवाधिकार एडवोकेट और जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स की निदेशक श्रुति पांडे द्वारा शनिवार (9 अक्टूबर 2021) को किए गए दावे ने विवाद खड़ा कर दिया है। श्रुति पांडेय ने कहा था कि सभी हिन्दू अस्पृश्यता (छुआछूत) का पालन करते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में श्रुति पांडे ने कहा, “लॉ स्कूल में पढ़ाने वाले मेरे प्रोफेसर उपेंद्र बख्शी कहते थे कि हर हिंदू छुआछूत का पालन करता है … जब उन्होंने शुरू में ऐसा कहा तो मैंने सोचा कि ऐसा नहीं है .. लेकिन दोस्तों यह सच है। अपने आप को ही देखिए, आप कैसे शांत और अदृश्य तरीकों से अस्पृश्यता का पालन करते हैं, जिसे हम समझ भी नहीं पाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह लिंग (जेंडर) की तरह आंतरिक है। इसलिए मेरे अनुसार हर हिंदू अस्पृश्यता का पालन करता है”। अपने प्रोफेसर का हवाला देते हुए श्रुति पांडे ने कहा कि अस्पृश्यता के कारण ही हिंदू धर्म अस्तित्व में है। जाति और हिंदुत्व के मुद्दे पर उन्होंने किसी और दिन चर्चा करने को कहा।
अपने इसी बयान में श्रुति पांडेय ने इस्लाम की तारीफ करते हुए उसके विधवा पुनर्विवाह नियमों को हिन्दू धर्म के मुकाबले सरल और सराहनीय बताया। इसी के साथ श्रुति पांडेय ने इस्लाम को गलत बताने वालों पर भी अफ़सोस जाहिर किया और कहा कि उन लोगों को इस्लाम की अच्छाइयों के बारे में जानकारी ही नहीं है।
निष्कर्ष के रूप में उन्होंने ये भी कहा कि इस्लाम में विधवाओं का पुनर्विवाह सामान्य सामाजिक संरचना का एक अंग है और इस्लाम ये नहीं मानता कि विधवा महिलाओं को दोबारा शादी करने का अधिकार नहीं है।
श्रुति पांडेय का वायरल होता ये वीडियो कब का है ये फिलहाल निश्चित नहीं हो पाया है। इस वीडियो को LLB के छात्र मयूरनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है।
Statements by #ShrutiPandey (Associate Professor Legal Practice and Director of the Centre for Human Rights at Jindal Global Law School) in the video:Prof.Shruti Pandey quoting a scholar,“You cannot be a Hindu without being a practitioner,every Hindu practices untouchability.(1/n pic.twitter.com/8cQFRTet5q
— Matam Mayurnath🇮🇳🚩✍️ (@Mayurmatam) October 9, 2021
If you are a Hindu, you will be practicing untouchability!”
— Matam Mayurnath🇮🇳🚩✍️ (@Mayurmatam) October 9, 2021
It’s true guys. It’s deeply internalised. It has stayed with me that every Hindu actually practices untouchability.
Quoting again,“Hinduism is because of untouchability.” Which is a conversation for another day (2/n pic.twitter.com/qdCvn1jyjm
इस वीडियो के वायरल होने के बाद यूनिवर्सिटी के कुलपति नवीन जिंदल से लेखिका शेफाली वैद्य ने सवाल किया है कि क्या वो भी छुआछूत का पालन करते हैं और श्रुति पांडेय के विचारों से सहमत हैं ?
Hi Mr @MPNaveenJindal you seem to be a practising Hindu. As a founding chancellor of @JindalLaw do you endorse the Hindumisia of Shruti Pandey-Director of Dept of Human Rights and says that ‘If you are a Hindu, you are practising untouchability’. Do YOU practise untouchability? https://t.co/NwX2lxuJFC
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) October 10, 2021
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर श्रुति पांडेय के बायो में लिखा गया है कि “प्रो. श्रुति पांडे जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में लीगल प्रैक्टिस की एसोसिएट प्रोफेसर और सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स की निदेशक हैं। वह एक इंसान रही हैं…” ..। हालाँकि, अब वह वेबपेज हटा दिया गया है।
प्रोफेसर श्रुति पांडेय की लिंक्डइन (LinkedIn) प्रोफ़ाइल के अनुसार, उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन करने के बाद लंदन विश्वविद्यालय से LLM की पढ़ाई की। लंदन विश्वविद्यालय से ही उन्होंने मानवाधिकार कानूनों में डिप्लोमा हासिल किया। इस से पहले वह फोर्ड फाउंडेशन में प्रोग्राम ऑफिसर रह चुकी हैं।