दिल्ली के भलस्वा डेयरी थानाक्षेत्र से 5 नवम्बर 2021 को एक परिवार के साथ मारपीट की घटना सामने आई थी। इस मामले में शौक़ीन, ज़हीम, नईम, आलम और छोटे पर कुसुम देवी के परिवार पर हमले को लेकर FIR की गई थी। घटना थानाक्षेत्र के मुकुंदपुर गली नंबर 1 की थी। अब इस मामले में पीड़ित परिवार ने ऑपइंडिया के साथ बातचीत में चौंकाने वाले दावे किए हैं। इसके अनुसार आरोपितों में से एक शौकीन कई साल तक मोहल्ले में हिंदू पहचान के साथ रहता था। साथ ही पुलिस पर भी इस परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
पीड़ित परिवार की सीमा ने ऑपइंडिया से बातचीत में कहा कि दिल्ली पुलिस का व्यवहार उनके परिवार के लिए बेहद निगेटिव रहा है। इस मामले के सभी आरोपितों को जमानत भी मिल चुकी है। साथ ही उन्होंने मोहल्ले की मस्जिदों में अभी भी जोर-जोर से लाउडस्पीकर बजाए जाने से होने वाली परेशानियों के बारे में बताया।
सीमा का आरोप है कि पीड़ित होने के बावजूद उनके परिवार पर पुलिस ने भी दवाब डाला। भलस्वा डेयरी थाने के सब इंस्पेक्टर व केस के विवेचक संदीप नरवाल ने कथित तौर पर केस वापस लेने का दबाव बनाया। उन्होंने उन्होंने स्थानीय पुलिस के व्यवहार की शिकायत वरीय अधिकारियों से करने की बात भी कही है। हम इसकी शिकायत ऊपर करेंगे क्योंकि हमें स्थानीय पुलिस की तरफ से न्याय नहीं मिला है। हालाँकि उन्होंने कहा कि आरोपित परिवार ने उन्हें तब से परेशान नहीं किया और न ही किसी प्रकार का कोई विवाद दुबारा खड़ा हुआ।
सीमा का यह भी दावा है कि मुख्य आरोपित शौकीन 5 वर्षों तक मोहल्ले में हिन्दू नाम से रहा था। वह ‘भोला प्रॉपर्टी’ नाम रख कर धंधा करता है। यह मुद्दा झगड़े के दिन भलस्वा डेयरी थाने में भी कई लोगों के आगे उठा था। उन्होंने कहा कि फिलहाल मोहल्ले में 2 मस्जिदें हैं। इनके लाउडस्पीकर से इतना शोर होता है कि मोहल्ले वाले परेशान रहते हैं। मस्जिदों के अलावा यहाँ लोगों ने घरों पर भी लाउडस्पीकर लगा रखे हैं। वे कहती हैं, “हमारे ऊपर जिस तरह से हमला किया गया, उसके बाद लोग शिकायत करने से भी डरने लगे हैं।”
सीमा ने आगे बताया कि उनके (आरोपितों) छोटे-छोटे बच्चे हमारे बच्चों का पैसा जब भी वो परचून की दूकान पर कुछ लेने जाते हैं तब छीन लेने हैं। झगड़े के समय हमारे घर के एक सदस्य के हाथ में नल के हत्थे को पुलिस ने हथियार बता कर कार्रवाई की धमकी दी। बुजुर्ग पिता को धमकाया और बच्चे को भी डर दिखाया गया। हमले के समय परिवार में सिर्फ 3 लोग मौजूद थे। पीड़ित परिवार के अनुसार बजरंग दल और महाकाल सेना जैसे संगठनों ने उनकी काफी मदद की है।
दावा: भजन बजाने से भी रोका था
सीमा का दावा है कि लाउडस्पीकर्स से होने वाली परेशानी का मसला भी नया नहीं है। करीब सात महीने पहले भी इस पर विवाद हुआ था। उस समय उन्हें अपने घर में म्यूजिक सिस्टम पर भजन बजाने से रोका गया था। कथित तौर पर असलम, कासिम और उनके साथियों ने उनके घर में घुसकर उन्हें इससे रोका था। तब मोहल्ले के अन्य हिन्दुओं ने एकजुट होकर इसका विरोध किया और मस्जिद के लाउडस्पीकर से होने वाले शोर का मसला उठाया था। सीमा के अनुसार इसके बाद मस्जिदों पर 1 के बदले 4 लाउडस्पीकर लगा दिए गए। कई घरों पर भी लाउडस्पीकर लगाए गए हैं।
क्या है मामला?
पुलिस द्वारा जारी प्रेसनोट के अनुसार इस मामले में मोहम्मद शौकीन, मोहम्मद उमर, मोहम्मद ज़ाहिम और मोहम्मद शोएब आलम आरोपित किए गए हैं। पुलिस को 5 नवम्बर 2021 को सुबह 7.32 पर इस मामले की सूचना फोन पर मिली थी। मौके पर पुलिस पहुँची तो पता चला कि दूध लेने जा रहे पीड़ित परिवार के एक बच्चे ने आरोपित पक्ष के एक बच्चे के सामने पटाखे फोड़ दिए। इसी बात को लेकर झगड़ा शुरू हो गया। घायल कुसम देवी ने अपने बयान भलस्वा डेयरी थाने में दर्ज करवाए। अपने आरोपों में उन्होंने अपनी सोने की अँगूठी और कानों से कुंडल भी छीनने का आरोप लगाया। सभी चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
पीड़ित परिवार के आरोपों को लेकर ऑपइंडिया ने सब इंस्पेक्टर संदीप नरवाल से कई बार संपर्क की कोशिश की। लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। ACP स्वरूप नगर ने बताया कि मौके पर कानून व्यवस्था सामान्य है। पुलिस ने वो सभी कार्रवाई की है जो न्यायसंगत थी।
ऑपइंडिया के पास इस केस की FIR मौजूद है। गौरतलब है कि पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को कुछ लोग नबी मस्जिद की तरफ खींच कर ले जा रहे थे।