झारखण्ड के राँची में स्थानीय लोगों और कश्मरियों के विवाद में आपसी समझौते से मामले को खत्म करने की खबर है। थाना प्रभारी डोरंडा ने ऑपइंडिया से बात करते हुए जानकारी दी है कि कुछ लोग मामले को तूल देना चाह रहे थे जिसका शांतिपूर्ण ढंग से दोनों पक्षों ने आपस में समाधान निकाल लिया है। किसी पर FIR दर्ज नहीं की गई है। इस मामले में शिकायतकर्ता बिलाल ने ऑपइंडिया को फोन पर जानकारी दी है कि हमारे बीच समझौता हो चुका है। बिलाल ने कहा कि दोनों पक्षों के लोग थाने से निकल रहे हैं और अब हमारे बीच कोई गिला शिकवा नहीं है। हम आगे भी मिल जुल कर रहेंगे।
एक वायरल वीडियो के आधार पर कुछ स्थानीय युवकों पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने कश्मीरियों पर हमले किए। साथ ही उन्हें जय श्रीराम बोलने के लिए मजबूर किया गया। इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी झारखंड पुलिस को जाँच कर के आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। यह आदेश पत्रकार प्रज्ञा मिश्रा की शिकायत पर जारी हुए थे।
.@JharkhandPolice संज्ञान लें एवं दोषियों पर कड़ी करवाई करें।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 27, 2021
झारखण्ड में धार्मिक वैमनस्यता एवं भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं है। https://t.co/ifpzoihsPk
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि राँची में गर्म कपड़े बेचने वाले कश्मीरियों को निशाना बनाया गया था। आरोप था कि शनिवार (27 नवम्बर 2021) को सुबह 10:30 पर लगभग 2 दर्जन युवकों ने कश्मीरियों पर हमला कर दिया। इस हमले में लाठी डंडे का भी इस्तेमाल किया गया। लूटपाट भी किया गया। घायलों के नाम रियाज अहमद वानी, तनवीर अहमद साह, सरफराज अहमद वानी और गुलाम अहमद बताए गए थे। कुछ रिपोर्ट्स में 3 लोगों के हिरासत में होने की खबर दी गई। इनके नाम दीपक झा, तरुण कुमार और अरविंद कुमार बताए गए। इन पर जय श्रीराम के नारे लगवाने के साथ पाकिस्तान ज़िंदाबाद बुलवाने का भी आरोप लगाया गया। राँची पुलिस ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की बात कही थी।
महाशय, मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक, नगर के नेतृत्व में विशेष दल का गठन किया गया है एवं मामले का जांचोपरांत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
— Ranchi Police (@ranchipolice) November 28, 2021
कश्मीरी बिलाल ने पुलिस को दिए अपने प्रार्थना पत्र में कहा था, “वो पहलगाम जिला अनंतनाग कश्मीर का निवासी है और रांची में किराए पर रहता है। उसके मकान मालिक का नाम सादिक अंसारी है। घटना के दिन मैं अपने साथी शब्बीर के साथ जा रहा था तब आरोपितों ने मुझे रोक कर जय श्रीराम और पाकिस्तान मुर्दाबाद बोलने के लिए कहा। हमारे साथ मारपीट की गई। इसी के साथ उन्होंने एक नाम राजकिशोर का बताया।
पांचजन्य के अनुसार यह विवाद तरुण कुमार की बाईक और कश्मीरी व्यापारियों का ठेला टकराने के चलते हुआ था। तरुण कुमार को वहाँ खड़े बाकियों ने पीटना शुरू कर दिया तो तरुण के बचाव में भी दीपक झा और अरविन्द कुमार आ गए। इस बीच पुलिस ने पहुँच कर मामले में बीच बचाव कर दिया। रिपोर्ट में दावा है कि CCTV फुटेज लगाए जा रहे आरोपों से एकदम अलग था। ट्विटर पर संजीत कुमार द्वारा एक CCTV फुटेज को भी शेयर किया गया है।
CCTV shows the real culprit. pic.twitter.com/AfMnrXFAP7
— sanjeet kumar (@sanbitm1983) November 29, 2021
इस पूरे मामले में तरुण कुमार ने भी पुलिस को प्रार्थना पत्र दे कर कश्मीरियों द्वारा खुद पर हमले का आरोप लगाया था। प्रार्थना पत्र में तरुण कुमार ने लिखा है कि ‘कश्मीरियों ने रिक्शा सड़क पर खड़ा किया हुआ था। मैंने उन्हें हटाने को कहा तब उन्होंने इकट्ठा हो कर मेरे साथ गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी। इसी के साथ उन सभी ने फोन करके बाक़ी कई लोगों को जमा कर लिया। थोड़ी देर में कई लोग जमा हो गए और उन्होंने मुझे मारना शुरू कर दिया था। मेरी तरफ से मुझे बचाने मेरे 2 दोस्त आए। अगर पुलिस मौके पर न आती तो मेरी जान को खतरा था। इसी के साथ तरुण ने रियाज़, बिलाल, तनवीर, सरताज और उनके अन्य सहयोगियों पर कार्रवाई की माँग की है। प्रार्थना पत्र थाना डोरंडा द्वारा 27 नवम्बर 2021 को रिसीव भी किया गया है।
एक स्थानीय न्यूज़ पोर्टल झारखंड न्यूज़ के मुताबिक महावीर मंडल नाम के संगठन ने इस पूरी घटना को साजिश बताया था। उनके मुताबिक जिस जिले में सैकड़ों कश्मीरी रहते हों वहाँ इन्ही चार से ही कोई मारपीट क्यों करेगा? इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ दिन पहले इन्हीं चार कश्मरियों के साथ कोई और घटना घटित हुई थी। उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले की निष्पक्षतापूर्वक जाँच करने को कहा था।