Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयबारबाडोस 400 साल बाद ब्रिटेन से अलग होकर बना 55वाँ गणतंत्र देश: महारानी एलिजाबेथ...

बारबाडोस 400 साल बाद ब्रिटेन से अलग होकर बना 55वाँ गणतंत्र देश: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का शासन पूरी तरह से खत्म

इस समारोह का आयोजन उस लोकप्रिय चौक पर हुआ, जहाँ पिछले साल एक ब्रिटिश लॉर्ड की प्रतिमा हटाई गई थी। 2 लाख 85 हजार की जनसंख्या वाले देश बारबाडोस में गवर्नर जनरल सैंड्रा मेसन को राष्ट्रपति बनाया गया है।

कैरिबियाई द्वीपों का सबसे प्रमुख देश बारबाडोस 400 साल बाद मंगलवार (30 नवंबर 2021) को आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन से अलग होकर 55वाँ गणतंत्र देश बन गया है। अब वहाँ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का शासन पूरी तरह से खत्म हो गया है। अब उसका अपना राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान होगा। बारबाडोस के एक गणतंत्र देश बनने के अवसर पर सोमवार देर रात समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स सहित कई नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। एएफपी न्यूज एजेंसी ने इसका वीडियो भी शेयर किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समारोह का आयोजन उस लोकप्रिय चौक पर हुआ, जहाँ पिछले साल एक ब्रिटिश लॉर्ड की प्रतिमा हटाई गई थी। 2 लाख 85 हजार की जनसंख्या वाले देश बारबाडोस में गवर्नर जनरल सैंड्रा मेसन को राष्ट्रपति बनाया गया है। उनकी नियुक्ति क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा की गई है। मेसन अटार्नी और जज भी रह चुकी हैं। उन्होंने वेनेजुएला, कोलंबिया, चिली और ब्राजील के राजदूत के तौर पर भी काम किया है।

बारबाडोस को कैरिबियाई देशों का सबसे अमीर देश माना जाता है। इसकी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर करती है। यह 1966 में आजाद हो गया था, लेकिन तब से यहाँ क्वीन एलीजाबेथ का शासन चलता आ रहा था। इससे पहले गुयाना, डोमनिका, त्रिनिदाद और टोबैगा गणतंत्र देश बने थे। साल 2008 में बारबाडोस ने खुद को गणतंत्र देश बनाने के लिए प्रस्ताव रखा, लेकिन इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया, लेकिन आज 30 नवंबर बारबाडोस गणतंत्र देश बन गया है।

बता दें कि कैरिबियाई द्वीप बारबाडोस को अपने खूबसूरत समुद्र तटों और क्रिकेट प्रेमी के तौर पर जाना जाता है। बारबाडोस ने 1627 और 1833 के बीच 6,00,000 गुलाम अफ्रीकियों को मुक्त कराया, जिन्हें चीनी बागानों में काम करने के लिए रखा गया था। इससे अंग्रेजों में उनके प्रति खौफ बढ़ा था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘शायद शिव जी का भी खतना…’ : महादेव का अपमान करने वाले DU प्रोफेसर को अदालत से झटका, कोर्ट ने FIR रद्द करने से...

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को ले कर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले एक प्रोफेसर को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है।

43 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री ने कुवैत में रखा कदम: रामायण-महाभारत का अरबी अनुवाद करने वाले लेखक PM मोदी से मिले, 101 साल...

पीएम नरेन्द्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुँचे। यहाँ उन्होंने 101 वर्षीय पूर्व राजनयिक मंगल सेन हांडा से मुलाकात की।
- विज्ञापन -