Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजबंगाली हिन्दुओं के लिए आवाज़ उठाने वाले हैंडल को Twitter ने सस्पेंड किया, इस्कॉन...

बंगाली हिन्दुओं के लिए आवाज़ उठाने वाले हैंडल को Twitter ने सस्पेंड किया, इस्कॉन और बांग्लादेश हिन्दू यूनिटी काउंसिल पर भी की थी कार्रवाई

बता दें कि '@storiesOfBHS' नाम का ये ट्विटर हैंडल बंगाली हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार और उनके हक़ की आवाज़ उठाता था। डॉक्टर संदीप दास ने कहा कि हमारी ट्विटर पर यात्रा फ़िलहाल के लिए अकस्मात रूप से रुक गई है।

सोशल मीडिया जायंट Twitter ने बंगाली हिन्दुओं के लिए आवाज़ उठाने वाले हैंडल ‘स्टोरीज ऑफ बंगाली हिंदूज’ नाम के हैंडल को सस्पेंड कर दिया है। इस हैंडल का संचालन करने वाले डॉक्टर संदीप दास ने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म की इस करतूत की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि वो ये बताते हुए हताश हैं कि बंगाली हिन्दुओं के लिए आवाज़ उठाने वाले उनके ट्विटर हैंडल को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 1 दिसंबर, 2021 को सुबह 7:17 बजे उन्हें ये जानकारी मिली।

Twitter ने अपने नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इस हैंडल को सस्पेंड किया है। बता दें कि ‘@storiesOfBHS’ नाम का ये ट्विटर हैंडल बंगाली हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार और उनके हक़ की आवाज़ उठाता था। डॉक्टर संदीप दास ने कहा कि हमारी ट्विटर पर यात्रा फ़िलहाल के लिए अकस्मात रूप से रुक गई है। शिक्षिका डॉक्टर इंदु विश्वनाथन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये अस्वीकार्य है। उन्होंने हिन्दुओं की आवाज़ को सेंसर करने और चुप कराने की प्रक्रिया को वास्तविक बताया।

उन्होंने कहा, “क्या हिन्दुओं के अनुभवों को साझा करना हिंसा है? क्या हिन्दुओं की ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ शर्तों के साथ आती है?” साथ ही उन्होंने ट्विटर और इसके नए CEO पराग अग्रवाल को भी टैग किया। लोगों ने कहा कि ये हैंडल लगातार बंगाली हिन्दुओं की आवाज़ को उठा रहा था, इसीलिए ट्विटर ने ये हरकत की है। लोगों का कहना था कि संवेदनशीलता और ईमानदारी के साथ ये काम किया जा रहा था, वो कुछ लोगों को पसंद नहीं आया। लोगों ने कहा कि CEO भले नया आ गया, लेकिन तरीका अब भी ही फासिस्ट वाला है।

याद दिलाते चलें कि जहाँ एक तरफ बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमलों को वहाँ की मीडिया छिपा रही थी, वहीं अब माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर से ‘इस्कॉन बांग्लादेश’ और ‘बांग्लादेश हिन्दू यूनिटी काउंसिल’ के हैंडल्स ही गायब हो गए थे। ये दोनों ही बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार व हिंसक हमलों की ख़बरों को दुनिया के सामने ला रहे थे और न्याय की माँग कर रहे थे। एक ओर मुस्लिम भीड़ हिंदू अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रही थी, वहीं दूसरी ओर ट्विटर उन्हें अपनी बात ऑनलाइन नहीं रखने दे रहा था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -