भारत में कोविड वैरिएन्ट ओमीक्रोन की मौजूदगी से जंग के बीच कोरोना के दो और वैक्सीन को भी मंजूरी मिल गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSO) ने Covid-19 के टीकों कोवोवैक्स (Covovax ) और कोर्बिवैक्स (Corbevax) और एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरवीर (Anti-viral drug Molnupiravir) को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) under the Ministry of Health and Family Welfare has given emergency use authorization approval to COVID19 vaccines Covovax & Corbevax and Anti-viral drug Molnupiravir, says Health Minister Dr Mansukh Mandaviya. pic.twitter.com/RC22KhRBCQ
— ANI (@ANI) December 28, 2021
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सिलसिलेवार ट्वीट्स में देश को बधाई देते हुए बताया, “मोलनुपिरवीर एक एंटीवायरल दवा है जो देश में 13 कंपनियों द्वारा कोविड-19 के वयस्क रोगियों के इलाज के लिए आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए निर्मित की जाएगी।”
The Nanoparticle Vaccine, COVOVAX, will be manufactured by Pune-based firm Serum Institute of India. (3/5)
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 28, 2021
PM @NarendraModi Ji has led the battle against #COVID19 from the front. All these approvals will further strengthen the global fight against the pandemic.
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 28, 2021
Our Pharma Industries are asset for the entire world.
सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः। (5/5)
मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि कोर्बिवैक्स वैक्सीन भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। इसे हैदराबाद स्थित फर्म बायोलॉजिकल-ई द्वारा बनाया गया है। यह भारत में विकसित तीसरा वैक्सीन है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नैनोपार्टिकल वैक्सीन, कोवोवैक्स का निर्माण पुणे स्थित फर्म सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा ही किया जाएगा।
बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कोवोवैक्स के लिए अनुमति माँगी थी जिसके लिए एसआईआई ने आपात स्थिति में सीमित उपयोग के लिए कोवोवैक्स के मार्केटिंग की मंजूरी के लिए अक्टूबर में डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था।
गौरतलब है कि भारत की पहली दोनों स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोविडशील और कोवाक्सिन की खुराकें यहाँ के व्यस्क लोगों में बड़े स्तर पर लग चुकी है। इसके अलावा भारत में रूस की स्पुतनिक वी और अमेरिकी कंपनी फाइजर की कोरोना वैक्सीन भी लोग लगवा रहे हैं। इसके अलावा जायडस कैडिला वैक्सीन को भी मंजूरी दी जा चुकी है।