Sunday, September 8, 2024
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महिला कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष-उपाध्यक्ष BJP में शामिल, भाजपा से निकाले गए हरक सिंह पर कॉन्ग्रेस में कलह: CM धामी ने बताया क्यों हुई कार्रवाई

कॉन्ग्रेस पर तीखे प्रहार करते हुए आर्य का कहना था कि कॉन्ग्रेस पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं है। ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ नारे को खोखला करार करते हुए आर्य का कहना था कि महिलाओं के विकास के लिए कॉन्ग्रेस में कोई रोडमैप नहीं है।

उत्तराखंड में कॉन्ग्रेस को बड़ा झटका लगा है। नैनीताल से पूर्व विधायक और महिला कॉन्ग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य अपने बगावती सुर के बाद अब भाजपा में शामिल हो गईं हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने उन्हें सोमवार (17 जनवरी 2022) को देहरादून में पार्टी की सदस्यता दिलवाई। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे। सरिता आर्य के साथ ही कॉन्ग्रेस महिला प्रदेश उपाध्यक्ष रेखा बोरा गुप्ता और वंदना गुप्ता भी भाजपा में शामिल हो गईं। वहीं सरिता आर्य को कॉन्ग्रेस पार्टी ने सभी पदों से हटाते हुए छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।

बीजेपी में शामिल होने के बाद सरिता आर्य ने कहा कि उन्होंने बिना किसी शर्त के बीजेपी ज्वाइन की है। उन्होंने कहा, “जहाँ सम्मान मिलेगा, मैं वहीं रहूँगी। अब से बीजेपी को मजबूत बनाने के लिए काम करूँगी। कॉन्ग्रेस ने महिला शक्ति और महिला वर्ग की उपेक्षा की है इसलिए मैं बीजेपी में शामिल हो रही हूँ।” कॉन्ग्रेस पर तीखे प्रहार करते हुए आर्य का कहना था कि कॉन्ग्रेस पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं है। ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ नारे को खोखला करार करते हुए आर्य का कहना था कि महिलाओं के विकास के लिए कॉन्ग्रेस में कोई रोडमैप नहीं है।

उन्होंने प्रियंका गाँधी के यूपी फार्मूले ‘लड़की हूँ, मैं लड़ सकती हूँ’ का जिक्र करते हुए कहा था कि उत्तराखंड में 40 नहीं तो कम से कम 20 प्रतिशत महिलाओं को टिकट मिले। महिला कॉन्ग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते पार्टी से जुड़ी तमाम महिलाओं के हकों की आवाज उठाना उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन वह महिलाएँ उनसे पूछ रही हैं कि जब उनका (सरिता आर्य) ही टिकट पक्का नहीं है तो उनकी (महिलाओं) आवाज कैसे उठाएँगी।

हरक सिंह के कॉन्ग्रेस में शामिल होने के लिए हरीश रावत ने रखी ये शर्त

बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को बीजेपी ने छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था। हरक सिंह रावत के कॉन्ग्रेस में शामिल होने की खबरों के बीच बीजेपी ने उनके खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें मंत्रिमंडल और बीजेपी दोनों से ही बाहर कर दिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना था कि रावत पार्टी पर उनके परिवार के सदस्यों को टिकट देने का दबाव बना रहे थे।

हरक सिंह के कॉन्ग्रेस में शामिल होने की खबरों के बीच कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बड़ा बयान सामने आया है। हरीश रावत ने कहा है कि अगर हरक सिंह रावत अपनी कॉन्ग्रेस छोड़ने की गलती मान लेते हैं तो हम पार्टी में उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।

हरीश रावत ने कहा, “मैं इस पर कोई बयान नहीं देना चाहता। बीजेपी से निष्कासित हरक सिंह रावत अभी कॉन्ग्रेस पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। पार्टी कई पहलूओं पर विचार करने के बाद निर्णय लेगी। अगर वह कॉन्ग्रेस पार्टी छोड़ने की अपनी गलती स्वीकार करेंगे, तो हम उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।”

2016 में कॉन्ग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे हरक सिंह रावत

हरक सिंह रावत 2016 में कॉन्ग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। बात 18 मार्च 2016 की है। तब उत्तराखंड में हरीश रावत यानी कॉन्ग्रेस की सरकार थी। उत्तराखंड विधानसभा के अंदर नौ विधायकों ने अपनी की पार्टी से बगावत कर ली। उन नौ बागियों में हरक सिंह रावत की भूमिका काफी अहम थी। विधायकों के बगावत के चलते हरीश रावत सरकार को हटाकर राज्य में राष्ट्रपति शासन तक लगा। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हरीश रावत सरकार लौट तो आई तो लेकिन ज्यादा दिन तक नहीं चल पाई। हरक सिंह समेत सभी बागियों ने भाजपा ज्वॉइन कर ली। ऐसा लगता है कि हरीश रावत हरक सिंह के नेतृत्व वाले झुंड के विद्रोह को नहीं भूले हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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