Friday, November 1, 2024
Homeविविध विषयअन्यअभी भी ICU में लता मंगेशकर, डॉक्टर ने कहा- प्रार्थना करें प्रशंसक: जानिए जब...

अभी भी ICU में लता मंगेशकर, डॉक्टर ने कहा- प्रार्थना करें प्रशंसक: जानिए जब दिग्गज गायिका को दिया गया जहर, 3 महीने तक बेड पर पड़ी रहीं

“इस बात की पुष्टि हो चुकी थी कि मुझे धीमा जहर दिया गया था। डॉ. कपूर का इलाज और मेरा दृढ़ संकल्प मुझे वापस ले आया। तीन महीने तक बेड पर रहने के बाद मैं फिर से रिकॉर्ड करने लायक हो गई थी।”

दिग्गज गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की सेहत को लेकर हर कोई चिंतित है। कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें 8 जनवरी को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर प्रतीत समदानी ने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी साझा की है। बताया है कि लता मंगेशकर अभी भी आईसीयू में हैं। उन्होंने कहा कि लता जी के प्रशंसक उनके लिए प्रार्थना करें, ताकि वो जल्द से जल्द ठीक होकर वापस घर लौट जाएँ। बता दें कि 92 साल की लता मंगेशकर को कोरोना के साथ निमोनिया भी हुआ है। उनकी उम्र को देखते हुए डॉक्टर ज्यादा अलर्ट हैं। यही कारण है कि उन्हें आईसीयू में रखा गया है। 

लेकिन क्या आप जानते हैं कि 33 साल की उम्र में स्वर कोकिला को जान से मारने की कोशिश की गई थी। उन्हें जहर दिया गया था। ये उनकी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था। उन्होंने एक इंटरव्यू में इस बारे में बताया था। लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में कहा था, “हम मंगेशकर्स इस बारे में बात नहीं करते, क्योंकि यह हमारी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था। साल 1963 में मुझे इतनी कमजोरी महसूस होने लगी कि मैं तीन महीने तक बेड से भी बहुत मुश्किल से उठ पाती थी। हालात यह हो गए कि मैं अपने पैरों से चल फिर भी नहीं सकती थी।”

इसके बाद लता मंगेशकर का लंबा इलाज चला था। उनसे पूछा गया कि क्या डॉक्टर्स ने उन्हें कह दिया था कि वह कभी नहीं गा पाएँगी? इसके जवाब में उन्होंने कहा था, “यह सही नहीं है, यह मेरे धीमे जहर (Slow Poison) के इर्द-गिर्द बुनी गई एक काल्पनिक कहानी है। डॉक्टर ने मुझे नहीं कहा था कि मैं कभी नहीं गा पाऊँगी। मुझे ठीक करने वाले हमारे पारिवारिक डॉक्टर आरपी कपूर ने तो मुझसे यह तक कहा था कि वह ठीक करके रहेंगे। लेकिन मैं साफ कर देना चाहती हूँ कि पिछले कुछ सालों में यह गलतफहमी हुई है। मैंने अपनी आवाज नहीं खोई थी।”

लंबे इलाज के बाद वह ठीक हो गई थीं। उन्होंने कहा था, “इस बात की पुष्टि हो चुकी थी कि मुझे धीमा जहर दिया गया था। डॉ. कपूर का इलाज और मेरा दृढ़ संकल्प मुझे वापस ले आया। तीन महीने तक बेड पर रहने के बाद मैं फिर से रिकॉर्ड करने लायक हो गई थी।”

ठीक होने के बाद लताजी का पहला गाना ‘कहीं दीप जले कहीं दिल’ हेमंत कुमार ने कंपोज किया था। इस गाने ने फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता था। मालूम हो कि स्वर कोकिला लता मंगेशकर को भारत रत्न, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहब फाल्के पुरस्कार और कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों समेत कई सम्मान मिल चुके हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

2019 में सबसे गरीब विधायक, 2024 में 300x बढ़ी सम्पत्ति: JMM के मंगल कालिंदी ₹30,000 से स्कॉर्पियो-बोलेरो और ₹73 लाख के घर में पहुँचे,...

2019 के चुनावी हलफनामे के हिसाब से झारखंड के सबसे गरीब विधायक मंगल कालिंदी अब 5 साल के भीतर लगभग ₹1 करोड़ के मालिक हो गए हैं।

यमराज की क्रूरता, यमुना की निर्मलता और एक वरदान… जानें कार्तिक माह में ही क्यों मनाया जाता है भैया दूज, समझें तिलक-भोज का महत्व

भैया दूज को मनाने के पीछे यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है। सदियों से माना जाता है कि अगर शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भाई अपनी बहन से तिलक कराता है तो उसके बल में वृद्धि होती है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -