कर्नाटक से शुरू हुआ बुर्का और हिजाब विवाद (Karnataka Burqa/Hijab Controversy) थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं, मुस्लिम छात्राएँ कॉलेज प्रशासन के आदेशकी धज्जियाँ उड़ाते बुर्के में कॉलेज पहुँच रही हैं और नारेबाजी कर रही हैं तो कहीं हिजाब के नाम पर इस्तीफा दिया रहा है। वहीं, राजनीतिक दल भी इस मौके को भूनाने से नहीं चुक रहे हैं।
मुस्लिम लेक्चरर का इस्तीफा
कर्नाटक के तुमकुरु जिले में स्थित जैन प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाने वाली चाँदनी नाम की लेक्चरर ने हिजाब को लेकर इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने हिजाब को अपना संवैधानिक अधिकार बताया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में खुद को चाँदनी बताने वाली लेक्चरर ने बताया, “मैं जैन पीयू कॉलेज में तीन साल से गेस्ट लेक्चरर के तौर पर काम कर रही हूँ। इन तीन वर्षों में मुझे कोई समस्या नहीं हुई और मैं आराम से काम कर रही थी।”
वीडियो में लेक्चरर ने आगे बताया, “कल (बुधवार, 16 फरवरी को) प्रधानाध्यापक ने मुझे फोन कर कहा कि उन्हें आदेश मिला है कि कक्षा के दौरान हिजाब जैसे धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इससे मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुँची है। मैंने इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि मैं उस कॉलेज में बिना हिजाब के काम नहीं कर सकती हूँ।”
हिजाब पहनकर आने वाली लड़कियों के खिलाफ FIR
उधर तुमकुरु में ही पुलिस ने एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की 15 छात्राओं के खिलाफ IPC की धारा 144 का तहत निषेधाज्ञा के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। बुधवार (16 फरवरी) को टाउनहॉल के पास गवर्नमेंट एम्प्रेस जूनियर पीयू कॉलेज में लगभग 40 छात्राएँ हिजाब और बुर्का पहनकर कक्षा में घुसने का प्रयास कर रही थीं। जब कॉलेज प्रशासन ने उन्हें रोक दिया, तब वो नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन करने लगीं।
इस दौरान इन छात्राओं ने बहुत कम दूरी तक और बहुत कम समय के लिए रैली भी निकाली। उपायुक्त के आदेश के बाद प्रिंसिपल ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई है। हालाँकि, FIR में किसी का नाम नहीं दिया गया है।
उधर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित प्रसिद्ध आंध्रा लोयला कॉलेज में मुस्लिम छात्राएँ हिजाब पहनकर क्लास करने पहुँच गईं। हालाँकि कॉलेज प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्हें कक्षा से बाहर कर दिया और हिजाब उतार कर आने के लिए कहा। कॉलेज का कहना है कि
हिजाब पर कॉन्ग्रेस की राजनीति
कर्नाटक कॉन्ग्रेस ने शुक्रवार (18 फरवरी) को कहा कि सरकार वक्फ विभाग के अंतर्गत आने वाले अल्पसंख्यक संस्थानों को हिजाब मानदंडों का पालन करने वाले सर्कुलर को वापस ले। प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश उन संस्थानों तक ही सीमित है, जिनमें कॉलेज विकास समितियों (सीडीसी) ने यूनीफॉर्म निर्धारित की है। सभी कॉलेज इसके दायरे में नहीं आते हैं।
सिद्धारमैया ने कहा कि वक्फ विभाग ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यह आदेश विभाग द्वारा संचालित आवासीय स्कूलों और कॉलेजों पर लागू होता है। विभाग द्वारा चलाए जा रहे संस्थानों में सीडीसी नहीं है। इसलिए इसका सर्कुलर हाईकोर्ट के आदेश के विपरीत है।