दिलबर नेगी वह नाम है जिनकी 2020 के हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों के दौरान वीभत्स तरीके से हत्या की गई थी। मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले नेगी शिव विहार की एक मिठाई दुकान में काम करते थे। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के करावल नगर का शिव विहार उन इलाक़ों में से एक है, जहाँ दंगों के दौरान सबसे ज्यादा तबाही बरपाई गई थी। दूसरा चाँदबाग का वह इलाका है, जहाँ AAP पार्षद ताहिर हुसैन की बिल्डिंग से आसपास के हिन्दुओं के घरों और दुकानों को निशाना बनाया गया था। इसी इलाके में IB के लिए काम करने वाले अंकित शर्मा की जघन्य हत्या की गई थी।
दो साल बाद हम उस अनिल स्वीट्स हाउस पर पहुँचे जहाँ दिलबर नेगी काम करते थे। दुकान के मालिक अनिल पाल के बेटे ने ऑपइंडिया को बताया कि नेगी के परिवार को उत्तराखंड सरकार से मदद मिली थी। उन्होंने भी अपनी ओर से उनके परिवार को मदद देने की बात कही। हालाँकि इसका ब्यौरा देने से इनकार कर दिया। इस संबंध में पूछे जाने पर कहा, “अब जाने दीजिए, दो साल हो गए हैं अब इधर शांति है। नहीं लग रहा है कि अब दोबारा ऐसा कुछ होगा।”
बता दें कि 24 फरवरी, 2020 की शाम जब दिल्ली के शिव विहार में हिन्दू विरोधी हिंसा भड़की थी तो उसी शाम को इन दंगों में उत्तराखंड से 6 महीने पहले ही दिल्ली काम करने आए 20 साल के दिलबर सिंह नेगी की दंगाइयों ने वीभत्स हत्या कर दी थी। नेगी को मुस्लिम दंगाइयों की भीड़ ने तलवार से काटने के बाद जलते हुए अनिल स्वीट्स हाउस के बेकरी वाले गोदाम में आग के हवाले कर दिया था। दिलबर नेगी का शव पुलिस ने 26 फरवरी 2020 को बरामद किया था। हालाँकि, अब इस गोदाम को रेनोवेट कर दिया गया है जो अक्सर बंद ही रहता है और अनिल स्वीट्स इसे स्टोर रूम की तरह ही इस्तेमाल करता है।
दिलबर नेगी मामले की चार्जशीट
दिलबर नेगी की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने 4 जून 2020 को ही कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी थी। पुलिस ने दिलबर नेगी की हत्या के मामले में 12 लोगों को आरोपित बनाया था। चार्जशीट के अनुसार, मुस्लिम समुदाय की एक भीड़ उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बृजपुरी पुलिया की तरफ से आई थी और हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाते हुए दंगा करना शुरू कर दिया था और 24 फरवरी की देर रात तक आगजनी करती रही। पुलिस ने कहा था कि भीड़ ने अनिल स्वीट्स नाम की एक दुकान में आग लगा दी थी, जहाँ से पुलिस ने 26 फरवरी को दिलबर नेगी का शव बरामद किया था। हत्या के वक्त नेगी लंच और आराम करने के लिए दुकान के गोदाम में गया था, जहाँ उसे दंगाइयों ने काटकर आग में झोंक दिया था।
कहाँ है अंकित शर्मा का परिवार?
चाँदबाग पुलिया के पास स्थित ताहिर हुसैन के घर से कुछ ही दूरी पर अंकित शर्मा का भी घर है। दो साल बाद भी इस घर को जाने वाली गली में सन्नाटा पसरा था। शुरुआत में आसपास के लोगों ने बताया कि अंकित शर्मा का परिवार मकान बेचकर कहीं चला गया है। लेकिन जब हमने उस घर का दरवाजा खटखटाया तो ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले एक व्यक्ति ने खुद को किराएदार बताया। उनका कहना था, “दिल्ली दंगों के कुछ समय बाद ही अंकित शर्मा का परिवार गाजियाबाद के पास कहीं चला गया है। अब वो यहाँ कभी-कभी सिर्फ किराया लेने आते हैं।” अंकित शर्मा के घर की मौजूदा स्थिति आप नीचे वीडियो में देख सकते हैं;
इस गली में रहने वाले लोग अब उस घटना पर बातचीत नहीं करना चाहते। उनका कहना था, “हम तो किराएदार हैं। हमें इन सब मामलों में नहीं पड़ना है।” कुछ लोगों ने यह भी बताया कि दंगों में हत्या होने से पहले उन्हें पता भी नहीं था कि अंकित शर्मा IB में काम करते थे। जब हमने अंकित शर्मा मर्डर केस के चश्मदीद प्रदीप वर्मा के बारे में पता की तो पता चला कि वे भी इस इलाके को छोड़कर जा चुके हैं।